भारतीय वायु सेना के बमबारी अभ्यास से अरुणाचल प्रदेश के लोगों में भारी नाराजगी

जान – माल और पशुधन के नुकसान से नाराज हैं स्थानीय निवासी

Update: 2018-06-16 13:28 GMT

अरुणाचल प्रदेश के एक कस्बाई इलाके में भारतीय वायु सेना द्वारा किये जानेवाले बमबारी अभ्यास से स्थानीय लोग बुरी तरह नाराज हैं. उनकी मांग है कि भारतीय वायु सेना की बमबारी के अभ्यास वाली जगह को रिहाइशी इलाके से हटाकर कहीं दूर ले जाया जाये.

राज्य के कामले जिले के दोल्लुन्ग्मुख इलाके में स्थित फायरिंग रेंज को 1968 में अरुणाचल प्रदेश सरकार और भारतीय वायु सेना के बीच 50 वर्ष की लीज का एक समझौता होने के बाद स्थापित किया गया था. वर्ष 1971 में इस समझौते का नवीनीकरण किया गया. स्थानीय निवासियों का दावा है कि इस फायरिंग रेंज की स्थापना के बाद से जान – माल और आजीविका का भारी नुकसान होता रहा है.

वर्ष 1992 में, भारतीय वायु सेना के एक बमबारी अभ्यास के दौरान एक स्थानीय राजनेता बिनी तबोम मारे गये थे. उनके परिजनों का दावा है कि उन्हें आज तक किसी भी पदाधिकारी से कोई आर्थिक मुआवजा हासिल नहीं हुआ है.

इसी साल 8 जून को, रुयू गांव के निवासी और सशस्त्र सीमा बल के जवान बिनी तोदुम बमबारी अभ्यास के दौरान निकले छर्रों से बुरी तरह घायल हो गये और उन्हें कई गंभीर चोटें आयीं.

एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता बिनी रंजन का दावा है कि 11 गांवों के बीच के इलाके में भारतीय वायु सेना द्वारा किये जाने वाले अभ्यास से कई मकान और पशुधन तबाह हुए हैं.

विगत 8 जून को हुए अभ्यास के दौरान भी कई मिथुन मारे गये. स्थानीय न्यिशी जनजाति के लोगों के लिए मिथुन एक बेशकीमती पशु माना जाता है.

पिछले मंगलवार को स्थानीय लोगों ने इस फायरिंग रेंज को एक सुनसान इलाके में ले जाने की मांग को लेकर धरना दिया. उनके इस विरोध प्रदर्शन का भारतीय वायु सेना पर कोई असर नहीं हुआ और न ही उनकी ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया आई. प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उनके भारतीय वायु सेना के कार्यालय के फाटक पर पहुंच जाने के बावजूद कोई पदाधिकारी उनसे मिलने नहीं आया.

दोल्लुन्ग्मुख एरिया वेलफेयर फोरम (डीएडब्लूएफ) के बैनर तले प्रभावित निवासियों ने अपनी लिखित शिकायत राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू एवं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजा है.

डीएडब्लूएफ के अध्यक्ष रोटोम तेबिन ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की कथित उदासीनता की वजह से उन्हें सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ा.

पिछले महीने जब रक्षा मंत्री अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर आई थीं तो उनसे पूछा गया था कि लोगों की मांग पूरा करने की दिशा में क्या सरकार कोई कार्रवाई कर रही है? लेकिन उनका बचाव करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता बमंग फेलिक्स ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में कार्रवाई कर रही है. हालांकि उन्होंने इस बारे में कोई विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया.

इस मुद्दे पर आवाज़ उठाते हुए कांग्रेस पार्टी की प्रदेश इकाई ने राज्य एवं केंद्र सरकार से बिनी तबोम और बिनी तोदुम के परिजनों को आर्थिक मुआवजा देने की मांग की.

अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने कहा कि राज्य सरकार सभी पीड़ितों को एक पखवारे के भीतर मुआवजा दे और फायरिंग रेंज को हटाकर कहीं और ले जाने की दिशा में तत्काल कार्रवाई करे.
 

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