रोहिंग्या के घर घर की कहानियां

हसन अकरम

Update: 2018-01-19 14:32 GMT

नई दिल्ली: रोहिंग्या का घर बनते बनते उजड़ जाता है। दिल्ली के श्रम विहार क्षेत्र में 80 रोहिंग्या परिवार ने अपना बसेरा तैयार किया। वे 2014 से किराया दे रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों अचानक जमीन के मालिक मोहम्मद वसीम सैफी के लड़के फैसल खान ने शुक्रवार को आकर कहा “आज जुम्मा के बाद यहाँ से खाली कर दो”। उसके अगले दिन ही शनिवार को 12 परिवारों ने वो जगह खाली कर दी।अब वह वहीँ सड़क के किनारे तम्बुओं में रह रहे हैं। वसीम की उस जगह पर 24 रोहिंग्या परिवार थे लेकिन वसीम ने वह जमीन किसी व्यक्ति से बेच दी।

 

सड़क के किनारे अपने तंबू के बाहर खाना बनती एक रोहिंग्या महिला

कपकपाते जाड़े की रात में इन तंबुओं में लोगों की सर के ऊपर बस एक तिरपाल होता है जिस पर औस की बूंदे रिस कर टपकने लगती है। ठण्ड के कारण बच्चे और बूढ़े बीमार हो रहे हैं। अब्दुल रहीम दमा के मरीज़ हैं इस हालात में उनकी बीमारी और बढ़ गई है। वह चलने फिरने से भी मजबूर हैं। उनकी पत्नी नर्गिस कहती हैं “कभी-कभी इनकी सांस बंद हो जाती है”। हाफिज अम्माद अपनी दो बच्चियों के बारे में बताते हैं कि कल रात को उनको तेज़ बुखार आया तो वह उनको अलशिफा हस्पताल ले कर गए। डॉक्टर ने कहा कि उनको ज्यादा ठण्ड लग गई है।

 

अब्दुल रशीद अपने डेढ़ साल के बच्चे के बारे में चिंतित हैं।

हाफिज अम्माद बताते हैं कि जहाँ से उनको खाली कराया गया है वहां पहले पानी और कचड़ा भरा हुआ था। उन सब को साफ़ करके इन रोहिंग्या लोगों ने अपनी झुग्गी बिठाई थी और वसीम सैफी को वह हर झुग्गी का 500 रू हर माह किराया भी देते थे।

वसीम सैफी ने टके सा जवाब दिया “हम ने ये कह कर उनको ये जगह दी थी कि हम जब चाहें यहाँ से खाली करा सकते हैं”।

वसीम सैफी भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और इस से पहले वह कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में भी रह चुके हैं। वह इन रोहिंग्या परिवारों को वहीँ पीछे की तरफ खाली पड़ी अपनी ज़मीन पर जाकर रहने को कह रहे हैं। परन्तु, सैफी ने उन से यह भी कहा है कि वहां से भी किसी भी समय खाली कराया जा सकता है।

लेकिन वे उस नए जगह पर अब जाना नहीं चाहते। वह कहते हैं कि एक झुग्गी बनाने में कम से कम 10000 रू का खर्च आता है। अगर वह सैफी की उस ज़मीन पर झुग्गी बनाते है तो कभी भी उनको वह उजाड़ सकते हैं। “हमारे पास बार-बार झुग्गी बनाने के लिए इतना पैसा कहाँ से आएगा हैं” अब्दुल रशीद कहते हैं।

हाफिज अम्माद ने बताया कि उन्होंने यूनाइटेड नेशन हाई कमिश्नर फॉर रिफिव्जीज (यूएनएचसीआर) से रहने के लिए जगह दिलवाने की मांग की है । उन्होंने जल्दी ही इस संबंध में कोई कार्रवाई करने की बात कही है।

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