गुजरात में अल्पसंख्यक आयोग के तत्काल गठन की मांग

माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी के चार प्रस्ताव

Update: 2018-03-20 17:00 GMT

गुजरात विधानसभा का अगले सत्र के दौरान राज्य में मुस्लिम समुदाय के सदस्य घेराव करने का फैसला किया है.यदि सरकार ने मुसलमानों में व्याप्त असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए सच्चर कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक जल्द से जल्द क़दम नहीं उठाये. दूसरी मांग है कि त्रिशूल दीक्षा, हथियार प्रक्षिक्षण आदि जैसे कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से रोके जाएं और अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों को उत्पीड़न और हमलों से बचाने के लिए जल्द से जल्द अल्पसंख्यक उत्पीड़न निषेध कानून बनाया जाए. साथ ही गुजरात में राज्य अल्पसंख्यक आयोग का तुरंत गठन व उसे सिविल कोर्ट का दर्जा दिया जाए.

उक्त आशय के प्रस्ताव 18 मार्च को ‘मुसलमान और मुस्लिम तंज़ीमो पर हमले और कब तक’विषय पर माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी, गुजरात के बैनर तलेअहमदाबाद मेंआयोजित एक राज्य स्तरीय सम्मेलन में पारित किये गये.

सम्मेलन के उद्देश्य पर रोशनी डालते हुए माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी के नेता मुजाहिद नफ़ीस ने कहा कि पूरे मुल्क में जानबूझ कर मुसलमानों पर उनके रोजगार धंधों को खत्म करने के उद्देश्य से लगातार हमले हो रहे हैं.राजस्थान में पहलू खान, उमर खान और राजस्थान के राजसमंद की घटनायें इसकी मिसाल हैं. वहीँ गुजरात में वड़ावली, वड़ागाम और छत्राल में साम्प्रदायिक हिंसा कीघटनायें हुईं.कच्छ में चार दरगाहों को तोड़ दिया गया. हद तो तब हो गयी जब सरकार ने छत्राल मामले में मुआवजा देने से साफ इंकार कर दिया.

श्री नफ़ीस ने कहा,”अब ज़रूरी हो गया है कि सभी लोग आवाज़ बुलंद करें और सरकार और समाज को ये संदेश दें कि मुसलमानों और उनके तंज़ीमो पर हो रहे हमले नाकाबिले बर्दाश्त हैं.”

सम्मेलन में चार प्रस्ताव भी पास किये गये. इन प्रस्ताव को सम्मलेन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों के सामने पेश करते हुए मुजाहिद नफ़ीस ने कहा कि माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी पूरे देश और गुजरात में अल्पसंख्यक उत्पीड़न निषेध कानून बनाने की पुरजोर वक़ालत करेगी.

सम्मेलन में पेश एक प्रस्ताव में सरकार से यह मांग की गयी कि वो त्रिशूल दीक्षा औरहथियार प्रक्षिक्षणआदि जैसे भड़काऊ कार्यक्रमों को तत्काल प्रभाव से रोके.

उक्त सम्मेलन में एक अन्य प्रस्ताव में यह मांग की गयी कि सरकार मुसलमान समुदाय में व्याप्त असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए सच्चर कमेटी की सिफारिश के मुताबिक क़दम उठाये.

एक अन्य प्रस्ताव में यह भी मांग की गयी कि सरकार गुजरात में राज्य अल्पसंख्यक आयोग का तुरंत गठन करे और उसे सिविल कोर्ट का दर्जा दे.

सम्मेलन को संबोधित करते हुए दानिश कुरैशी ने कहा कि नौजवानों को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आगे बढ़ने का यह वक्त है। उन्होंने आगे बताया कि जल्द ही माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी के तत्वाधान में गांधीनगर में एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जायेगा.आगामी विधानसभा के सत्र में लाखों लोग विधानसभा का घेराव करेंगे और इन मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय स्तर तक लड़ाई लड़ी जाएगी.

सम्मेलन में साबरकांठा, अरवल्ली, आनंद, वड़ोदरा, भरूच, मोरबी, व्यारा, जूनागढ़, सूरत, पाटन, अहमदाबाद, कच्छ, मेहसाणा, पालनपुर, नडियाद आदि जिलों से माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी के प्रतिनिधि शामिल हुए.

इस सम्मेलन में गुजरात मुस्लिम हित रक्षक समिति ने भी भागीदारी की.

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