राज्य सभा का नया गणित

सदन के मौजूदा 229 सदस्यों में से 201 अर्ध -अरबपति हैं

Update: 2018-07-16 13:36 GMT

केंद्र में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानि एनडीए की सरकार का नेतृत्व कर रही भारतीय जनता पार्टी , राज्य सभा में सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा को कुल 245 सदस्यों के सदन में स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं है। पर वह भारत के संविधान में लाने के लिए आवश्यक दो -तिहाई बहुमत , एनडीए और उसके बाहर के अन्य दलों के समर्थन से जुटाने के लिए आगे बढ़ रही है। लेकिन यह तत्काल आसान भी नहीं है। जम्मू -कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने के संवैधानिक प्रावधान , धारा 370 को निरस्त करने , समान नागरिक संहिता लागू करने आदि उपाय करने के लिए दो -तिहाई बहुमत की जरुरत है । भाजपा को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में खुद का स्पष्ट बहुमत मिला था। लोकसभा में एनडीए को दो-तिहाई बहुमत भी हासिल है।

राज्यसभा भारत की केंद्रीय विधायिका , यानि संसद का उच्च सदन है। इसकी अप्रैल में 2018 में रिक्त हुई 59 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव संपन्न हो जाने के बाद चार मनोनीत सीटें भरी जानी शेष थी। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने हाल में मोदी सरकार की सलाह पर मीडिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ' विशेषज्ञ ' कहे जाने वाले राकेश सिन्हा समेत चार व्यक्तियों को मनोनीत किया है। अन्य तीन में ओडिसा की विश्व प्रसिद्द नृत्यांगना , सोनाल मान सिंह , पाषाण शिल्पकार रघुनाथ मोहपात्रा के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व भाजपा सांसद रामसकल भी हैं ।अनिवार्य तो नहीं है लेकिन मनोनीत सदस्य आम तौर पर औपचारिक , अनौपचारिक रूप से सत्ता पक्ष के साथ हो जाते है। संविधान के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव प्राप्त है।

मोदी सरकार को राज्यसभा में दो -तिहाई बहुमत में कमी के कारण तीन तलाक पर अंकुश लगाने का विधेयक , हाल में ठंढे बस्ते में रखने के लिए मजबूर होना पड़ा था। सदन में स्पष्ट बहुमत नहीं होने के कारण मोदी सरकार को संसद में कई संशोधन अधिनियम और विधेयक , वित्त विधेयक के रूप में पारित कराने का सहारा लेना पड़ा है. वित्त विधेयक पर राज्यसभा की मंजूरी अनिवार्य नहीं है ।

राज्यसभा के वेबसाईट से मिली जानकारी के अनुसार सदन में अभी भाजपा के 69 और विपक्षी कांग्रेस के 50 सदस्य है। सदन में एनडीए के कुल सदस्यों की संख्या 85 मानी जाती है जिनमें आंध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री चंद्रा बाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी के 6 सदस्य शामिल नहीं हैं। स्पष्ट बहुमत के लिए 126 सदस्यों के समर्थन की जरुरत है। सदन में मौजूद कुल 30 दलों में से अन्ना द्रमुक , तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के 13 -13 , बीजू जनता दल , जनता दल यूनाइटेड के 9 -9 , तेलंगाना राष्ट्र समिति के 6 , राष्ट्रीय जनता दल और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के 5 -5 , द्रमुक , बहुजन समाज पार्टी , राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 4 -4 , शिव सेना , शिरोमणि अकाली दल के 3 -3 , वायएसआर कांग्रेस , जम्मू -कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 2 -2 , जनता दल सेकुलर , केरल कांग्रेस , इंडियन नेशनल लोक दल , इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग , बोडोलैंड पीपुल्स पार्टी , नगा पीपुल्स फ्रंट और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ़ इंडिया - अठावले के एक -एक सदस्य हैं। अन्य 6 में निर्दलीय हैं।

स्वतंत्र भारत में द्वितीय सदन की उपयोगिता अथवा अनुपयोगिता के संबंध में संविधान सभा में विस्तृत बहस हुई थी। द्विसदनी केंद्रीय विधायिका बनाने का निर्णय मुख्य रूप से इसलिए किया गया कि उसे भारत जैसे विशाल और विविधताओं वाले देश में केन्द्रीयतावादी की जगह संघीयतावादी राजनीति व्यवस्था के लिए सर्वाधिक सहज माना गया। संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है। इनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं . कुल 238 सदस्य , राज्यों के और संघ -राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं। राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है। इनमें से 233 सदस्य राज्यों और दिल्ली तथा जैसे संघ- राज्य क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं.

राज्यसभा एक स्थायी सदन है। यह भंग नहीं होता। प्रत्येक दो वर्ष बाद राज्य सभा के एक-तिहाई सदस्य सेवा-निवृत्त हो जाते हैं। राज्यसभा के सद्स्य मंत्रि परिषद के सदस्य बन सकते है . भारत के उपराष्ट्रपति इसके पदेन सभापति होते हैं. इसलिए सभापति का कार्यकाल 5 वर्षों का ही होता है. मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैय्या नायडू इस पद पर 11 अगस्त 2017 को चुने गए थे। राज्य सभा अपने सदस्यों में से एक उपसभापति का भी चयन करती है।

राज्यसभा में वर्ष 1969 तक वास्तविक अर्थ में विपक्ष का कोई नेता नहीं होता था। उस समय तक सर्वाधिक सदस्यों वाली विपक्षी पार्टी के नेता को बिना किसी औपचारिक मान्यता विपक्षी नेता मानने की प्रथा थी। विपक्ष के नेता के पद को संसद में ' विपक्षी नेता वेतन और भत्ता अधिनियम (1977 ) द्वारा मान्यता प्रदान की गई।

संविधान की चौथी अनुसूची में राज्य सभा में राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को स्थानों के आवंटन का उपबंध है। स्थानों का आवंटन प्रत्येक राज्य की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। राज्यों के पुनर्गठन तथा नए राज्यों के गठन के परिणामस्वरूप राज्यों और संघ- राज्य क्षेत्रों को आवंटित राज्यसभा में निर्वाचित स्थानों की संख्या वर्ष 1952 से लेकर अब तक समय-समय पर बदलती रही है। प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों का निर्वाचन राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा ' एकल संक्रमणीय मत ' द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार किया जाता है।

राज्य सभा की अप्रैल में 2018 में रिक्त हुई 59 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव संपन्न हो जाने के बाद चार मनोनीत सीटें भरी जानी शेष थी। उस द्विवार्षिक चुनाव में निर्वाचित सदस्यों में उत्तर प्रदेश से केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली (भाजपा) प्रमुख है जो पिछले छह बरस से गुजरात से सदन के सदस्य थे . वह 2014 में लोक सभा के पिछले चुनाव में अमृतसर सीट पर कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से हार गए थे जो बाद में पंजाब के मुख्यमंत्री बने . राज्य सभा की निवर्तमान सदस्य फिल्म अभिनेत्री जया बच्चन (सपा) भी छह बरस के एक और कार्यकाल के लिए फिर उत्तर प्रदेश से ही निर्वाचित होने में कामयाब रहीं .केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर निर्विरोध जीत गए थे . बाद के चुनाव में जीतने वालों में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ( बंगाल ) , भाजपा प्रवक्ता नरसिम्हा राव ( यूपी ) और कर्नाटक से रिपब्लिक टीवी के मालिक राजीव चंद्रशेखर ( भाजपा ) प्रमुख हैं। निवर्तमान सदस्यों में से जो चुनांव में नहीं उतरे उनमें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य , क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर और अभिनेत्री रेखा प्रमुख हैँ . उत्तर प्रदेश से भाजपा ने नौ सीटें जीत कर राज्य सभा मे अपनी ताकत बढ़ाई . कर्नाटक से बतौर भाजपा प्रत्याशी निर्वाचित राजीव चंद्रशेखर के ' हितों के टकराव ' को लेकर कुछ विवाद है। शराब कारोबारी विजय माल्या , भारतीय बैंकों से लिए सैंकड़ों करोड़ रूपये के ऋण और ब्याज चुकाए बगैर लन्दन फरार होने के पहले इसी तरह कर्नाटक से बतौर निर्दलीय भाजपा के समर्थन से जीते थे। माल्या के भी मामले में भी ' हितों का टकराव ' था। उन्हें किंगफिशर विमानन कम्पनी का मालिक होने के बावजूद विमानन मामले की संसदीय सलाहकार कमेटी सदस्य भी बना दिया गया था। राजीव चंद्रशेखर , रक्षा कारोबारी होने के बावजूद रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार कमेटी के सदस्य भी हैं। वह सदन में पहले निर्दलीय सदस्य थे।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ' नामक एक गैर-सरकारी संगठन की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सभा के मौजूदा 229 सदस्यों में से 201 अर्ध -अरबपति हैं . उनकी औसत संपदा 55 करोड़ रुपये की है . सबसे अमीर राज्यसभा सदस्य , बिहार से जनता दल ( यूनाइटेड ) के महेंद्र प्रसाद है जिनकी घोषित संपत्ति करीब 4 हज़ार करोड़ रुपये की है . जया बच्चन की घोषित संपदा एक हज़ार करोड़ रुपये की है. मौजूदा 51 राज्य सभा सदस्यों का आपराधिक रिकार्ड है . इनमें सबसे ज्यादा 14 भाजपा के और 8 कांग्रेस के हैं .

Similar News

Uncle Sam Has Grown Many Ears
When Gandhi Examined a Bill
Why the Opposition Lost
Why Modi Won