चुनाव में आईटी पेशेवरों की चांदी

चुनाव में आईटी पेशेवरों की चांदी

Update: 2019-03-22 16:36 GMT

उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नैनीताल-उधमसिंह नगर तथा अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए आईटी पेशेवरों का सहयोग ले रही है।

नैनीताल जिले के हल्द्वानी में भारतीय जनता पार्टी द्वारा पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से व्यवस्थित रुप से एक काल सेन्टर संचालित किया जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी कुमाऊं सम्भाग कार्यालय के निकट स्थित एक बहुमंजिल इमारत में संचालित हो रहे इस काल सेन्टर में लगभग 60 से 70 पेशेवरों के कार्यरत होने का अनुमान है।

वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रबंधन के मामले में कांग्रेस सूचना प्रौघोगिकी विभाग(आईटी सेल)के कार्यकर्ता हाईटेक चुनाव प्रचार हेतु आवश्यक संसाधनों के अभाव में इन प्रशिक्षित पेशेवरों के मुकाबले फिलहाल कहीं ठहरने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं।

नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर भाजपा के एक कार्यकर्ता ने बताया कि उत्तराखण्ड में हल्द्वानी,देहरादून तथा हरिद्वार में एक वर्ष से भी अधिक समय से काल सेन्टरों का संचालन किया जा रहा है जिनके जरिए भाजपा कुमाऊं के दो लोकसभा क्षेत्रों सहित गढ़वाल मण्डल के अंतर्गत हरिद्वार,पौड़ी तथा टिहरी लोकसभा क्षेत्रों के मतदाताओं तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।प्रत्येक काल सेन्टर का मासिक व्यय आठ से नौ लाख रुपये के बीच बैठता है।

नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय से सीधे तौर पर संचालित हो रहे इन काल सेन्टरों के विषय में पार्टी की राज्य इकाई के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी कोई जानकारी नहीं है।

राज्य में संचालित हो रहे तीनों काल सेन्टरों से लगभग 250-300 टेलीकालर रोजाना फोन से लोगों को नरेन्द्र मोदी सरकार की उपलब्धियों व कल्याणकारी योजनाओं के विषय में जानकारी भी दे रहे हैं।

पेशे से अधिवक्ता मनीष पाण्डे का कहना है कि 'पूर्व नियोजित रणनीति के तहत कार्य करने का लाभ भाजपा संगठन को मिलेगा क्योंकि आचार संहिता जारी होने के बाद सोशल मीडिया में पार्टी तथा उम्मीदवारों के प्रचार में होने वाला व्यय पार्टी या उम्मीदवारों के व्यय में जुड़ेगा लेकिन आचार संहिता जारी होने से पूर्व अब तक हुए व्यय का लेखा जोखा चुनाव आयोग को नहीं देना पड़ेगा'।

वहीं कांग्रेस सूचना प्रौघोगिकी विभाग लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से राज्य के सभी जिलों में अभी तक केवल पदाधिकारियों की नियुक्ति करने तक ही सीमित है।
 

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