SRINAGAR: जम्मू इलाके में एक सैन्य शिविर पर अहले सुबह हुए एक फिदायीन हमले में आज सेना के दो अफसरों और दो लड़कियों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हमले में सेना के चार जवान भी घायल हुए. इस हमले को पाकिस्तान स्थित जैश – ए – मोहम्मद नाम के आतंकवादी संगठन के गुर्गो की करतूत माना जा रहा है. समाचार लिखे जाने तक सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी थी.

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू – कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस पी वैद से बात कर घटना का विस्तृत ब्यौरा मांगा है. गृह मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक , ” पुलिस महानिदेशक ने गृहमंत्री को स्थिति से अवगत कराया है. गृह मंत्रालय स्थिति पर नजदीकी नज़र बनाये हुए है.”

पुलिस महानिदेशक एस पी वैद ने बताया कि फिदायीनों का एक समूह जम्मू के सुनजवान इलाके में स्थित सैन्य शिविर में सुबह होने से पहले पीछे की तरफ से घुसा और रिहाइशी क्वार्टरों की ओर पहुंचकर सैनिकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दिया.

श्री वैद ने कहा, “आतंकवादियों ने रिहाइशी क्वार्टरों में घुसकर जवानों के परिजनों को निशाना बनाया. हमले में एक जूनियर कमीशंड अफसर, एक नॉन - कमीशंड अफसर और दो बच्चे मारे गये.”

गोलीबारी के दौरान घायल हुए सेना के चार जवानों को घटनास्थल से निकाल कर अस्पताल पहुंचा दिया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बतायी जा रही है. सूत्रों ने बतया कि आतंकवादियों, जिनकी संख्या तीन मानी जा रही है, को अलग – थलग कर दिया गया है.

जम्मू क्षेत्र के पुलिस प्रमुख एस डी सिंह जामवाल ने संवाददाताओं को बताया कि हमला अहले सुबह तकरीबन 4.55 पर हुआ जब एक संतरी को शिविर के निकट संदिग्ध हलचल महसूस हुई और उसके बंकर पर गोली दागी गयी. उन्होंने कहा, “गोलीबारी का तत्काल जवाब दिया गया. हमने बंदूकधारियों को एक रिहाइशी क्वार्टर में घेर लिया है.”

अधिकारीयों ने बताया कि सेना और पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने फर्स्ट जम्मू एंड कश्मीर लाइट इन्फेंट्री इन 36 ब्रिगेड के अधीन पड़ने वाले सुनजवान सैन्य शिविर के आसपास के इलाकों की घेराबंदी ली है. किसी किस्म की अनहोनी से बचने के लिए, प्रशासन ने एतिहात के तौर पर शिविर के आसपास के स्कूलों और दुकानों को बंद करा दिया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “पूरे जम्मू क्षेत्र में चौकसी बढ़ा दी गयी है और शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. अफज़ल गुरु की बरसी के मौके पर जैश – ए – मोहम्मद द्वारा सेना या सुरक्षा प्रतिष्ठान पर हमला करने के बारे में हमें ख़ुफ़िया जानकारी मिली थी.”

अब तक किसी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. अभी मृतकों की पहचान के बारे में कोई पुष्टि नहीं हो सकी है. इलाके में अबतक गोलीबारी जारी है. सुरक्षा बलों ने शिविर में, जहां संदिग्ध आतंकियों ने एक रिहाइशी क्वार्टर में शरण लिया हुआ है, बंधक बनाये जाने जैसी किसी स्थिति से इनकार किया है.

इस बीच, जम्मू – कश्मीर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधानसभाध्यक्ष कविन्द्र गुप्ता ने इस हमले के लिए जम्मू क्षेत्र में रह रहे रोहिंग्या लोगो पर तोहमत लगाया. उन्होंने कहा, “इलाके में रोहिंग्या लोगो की मौजूदगी की वजह से यह हमला हुआ.” उनके इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष ने उनपर एक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया.