कठुआ में आठ वर्ष की बच्ची के बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार दो अभियुक्तों के समर्थन में एक हिन्दू दक्षिणपंथी संगठन ने जम्मू में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा में जम्मू – कश्मीर पुलिस के जवान तैनात थे.

पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने अशिफा का अपहरण कर लिया गया था और बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कठुआ इलाके में कर दी गयी थी. घटना के सामने आने के बाद जम्मू और कश्मीर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और विरोध प्रदर्शनों की झड़ी लग गयी. लगातार हो रहे प्रदर्शनों के बाद जम्मू – कश्मीर पुलिस हरकत में आयी और उसने इस संबंध में दीपक खजूरिया नाम के एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को गिरफ्तार कर लिया.

हीरा नगर पुलिस थाने में तैनात 28 वर्षीय एसपीओ खजूरिया को इस घटना की जांच के लिए गठित अपराध शाखा के विशेष जांच दल द्वारा गिरफ्तार किया गया. इस घटना के संबंध में जांच दल ने खजूरिया के साथ एक नाबालिग लड़के को भी हिरासत में लिया. सूत्रों के मुताबिक, वह इस घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का सदस्य था.

सूत्रों ने बताया, “उसने नाबालिग बच्चे को धमकी दी थी कि अगर इस अपराध में उसके शामिल होने के बारे में किसी को बताया तो उसके मां – बाप को मार दिया जायेगा. ऐसा प्रतीत होता है कि कठुआ में रह रहे घुमंतू समुदाय के लोगों में दहशत फैलाने के लिए उसने बच्ची का बलात्कार किया और उसकी हत्या की.”

अपराध शाखा के अतिरिक्त महानिदेशक आलोक पुरी ने बताया कि एसपीओ की गिरफ़्तारी “पुख्ता सबूतों” के आधार पर की गयी है और इस घटना की जांच में पुलिस महकमे के फोरेंसिक विज्ञान विभाग की सेवाएं लीं जा रही थी.

पुलिस सूत्रों का कहना है कि खजूरिया और उस नाबालिग लड़के द्वारा बच्ची को एक सप्ताह तक बंधक बनाकर उसका बलात्कार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी. शुक्रवार को हिन्दू एकता मंच नाम के एक दक्षिणपंथी संगठन ने आरोपियों के समर्थन में एक प्रदर्शन किया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रदर्शन में शामिल पुरुष, महिलाएं और बच्चे तिरंगा लहराते हुए आरोपियों के समर्थन और राज्य सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे. इस जुलूस के साथ पुलिस कर्मियों को चलते हुए देखा गया. राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने इस जुलूस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

एक ट्वीट में महबूबा मुफ़्ती ने कहा, “कठुआ में पकड़े गए बलात्कारी के बचाव में निकाले गये मार्च और प्रदर्शनों से हैरान हूं. और ऐसे प्रदर्शनों में हमारे राष्ट्रीय झंडे के इस्तेमाल से विचलित भी हूं. यह हमारे राष्ट्रीय झंडे के अपमान से कम नहीं है. आरोपी पकड़ा गया है और कानून अपना काम करेगा.”

अशिफा के बलात्कार और हत्या की ख़बर से राज्य विधानसभा में हंगामा मच गया. विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने इस घटना के विरोध में 18 जनवरी को सदन से वाकआउट किया. और इसके बाद पूरे जम्मू इलाके में जगह – जगह विरोध प्रदर्शन किया.

पीडीपी – भाजपा गठबंधन की सरकार पर जम्मू – कश्मीर में मुसलमानों को निशाना बनाकर हमला किये जाने का आरोप लगाते हुए हुर्रियत नेताओं की तिकड़ी – सैयद अली शाह गिलानी, उमर फारूक और यासीन मालिक - ने दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं किये जाने पर एक आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी थी.

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