श्रीनगर में आज सैकड़ों शोकाकुल लोग कथित रूप से आईएसआईएस के लिए काम करने वाले एक आतंकवादी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसके जनाजे की नमाज़ के लिए इकट्ठे हुए. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुए इस मुठभेड़ में उक्त आतंकवादी के दो सहयोगी भी मारे गये.

प्रशासन ने श्रीनगर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों की घोषणा कर दी है, जबकि घाटी में आतंकवादी के मारे जाने के बाद तनाव की ताज़ा घटनाओं के आलोक में शहर के सभी शिक्षण – संस्थानों को अगले आदेश तक बंद रखने को कहा गया है.

घाटी के कई हिस्सों में हाई – स्पीड इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गयी है. विरोध प्रदर्शनों को भांपते हुए सरकार ने हुर्रियत के उदारवादी नेता मीरवाईज़ उमर फारूक को उनके घर में नज़रबंद कर दिया. पुलिस ने जम्मू – कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के मुखिया मुहम्मद यासीन मालिक को भी उनके मैसूमा स्थित आवास से गिरफ़्तार कर लिया.

जेकेएलएफ के एक प्रवक्ता ने बताया, “आज सुबह यासीन मालिक को उनके आवास से गिरफ़्तार कर कोठी बाग पुलिस थाने रखा गया है ताकि वो आतंकवादियों के मारे जाने के खिलाफ किसी भी विरोध – प्रदर्शन का नेतृत्व न कर सकें.”

इस बीच, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग जिले के हकूरा इलाके में तीन आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने उस इलाके में पिछली रात तकरीबन एक बजे तलाशी अभियान शुरू किया. अनंतनाग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्ताफ़ खान ने कहा, “तलाशी अभियान के दौरान आतंकवादियों ने गोलीबारी कर मुठभेड़ की स्थिति पैदा कर दी. जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादी मारे गये.”

मारे गये एक आतंकवादी की शिनाख्त श्रीनगर के बी.टेक के छात्र ईसा फजली के तौर पर की गयी है. फजली ने कथित रूप से आईएसआईएस में शामिल होने के लिए कालेज की पढ़ाई छोड़ दी थी. कोकेरनाग से ताल्लुक रखने वाला सईद ओवैस शफी भी इंजीनियरिंग का छात्र था और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा था. तीसरे आतंकवादी के बारे में यह माना जा रहा है कि वो विदेशी था और उसकी वास्तविक पहचान के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि एके – 47 राइफल, पिस्टल और हथगोलों समेत घटनास्थल से भारी मात्रा में गोला – बारूद बरामद किये गये हैं. उन्होंने कहा, “यहां यह उल्लेख करना जरुरी है कि मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक हाल में सोउरा में एक पुलिस चौकी पर हुए हमले, जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गयी थी, में शामिल था.”

तीन आतंकवादियों के मारे जाने की ख़बर फैलते ही दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और कोकेरनाग के साथ – साथ श्रीनगर में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आये. प्रदर्शनकारियों ने आज़ादी के समर्थन में और भारत –विरोधी नारे लगाते हुए मारे गये आतंकवादियों के शवों की मांग की, जिसे बाद में उनके परिजनों को सौंप दिया गया.

सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अनंतनाग जिले में प्रदर्शनकारियों और सरकारी सुरक्षा बलों के बीच टकराव की घटनायें हुईं. हालांकि, छात्रों द्वारा किसी किस्म के विरोध प्रदर्शन की योजना से निबटने के लिए जिले के कुछ शिक्षण – संस्थाओं में कक्षाएं निलंबित कर दी गयीं. एक दिन के लिए बंद रखे गये कश्मीर यूनिवर्सिटी में भी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए.

सरकारी सुरक्षा बलों के हाथों आतंकवादियों और आम नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं ने घाटी के हजारों छात्रों के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है क्योंकि कानून – व्यवस्था में गड़बड़ी की स्थिति से निबटने के उपाय के तौर पर प्रशासन द्वारा शिक्षण – संस्थानों को गाहे – बगाहे बंद कर दिया जाता है.

हालांकि, सरकार और प्रशासन के इस कदम की सामाजिक कार्यकर्ताओं और प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ – साथ छात्रों के अभिभावकों द्वारा सख्त आलोचना की जाती है. अभिभावकों का आरोप है कि सरकार द्वारा उनके बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार से महरूम किया जा रहा है.

( कवर तस्वीर बासित जरगार )