मिज़ोरम के स्थानीय निकायों के चुनाव - परिणामों के बाद तेजी से बदले एक राजनैतिक घटनाक्रम ने लोगों को चौंका दिया. दो परंपरागत प्रतिद्वंदियों, भाजपा और कांग्रेस, ने कथित रूप से एक क्षेत्रीय दल को सत्ता से बाहर रखने के लिए आपस में हाथ मिला लिया.

चकमा स्वायत्त जिला परिषद के चुनावों के नतीजे पिछले सोमवार घोषित किये गए. कुल 20 सीटों में से आठ सीटें जीतकर मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनफ) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. जबकि कांग्रेस और भाजपा ने क्रमश: छह और पांच सीटें जीतीं. एक सीट के नतीजे पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी.

उम्मीद की जा रही थी एमएनफ और भाजपा एकसाथ आकर चकमा स्वायत्त जिला परिषद की सत्ता पर काबिज होंगे. गौरतलब है कि भाजपा के नेतृत्व वाले नार्थ – ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायन्स में एमएनफ भी एक भागीदार है. लेकिन एक चौंकाने वाले राजनीतिक घटनाक्रम में कथित रूप से एमएनफ को सत्ता में काबिज होने से रोकने के लिए भाजपा और कांग्रेस के निर्वाचित सदस्यों ने आपस में हाथ मिला लिया.

दोनों दलों के प्रतिनिधि इस आकस्मिक घटनाक्रम पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए हैं और इस कदम की जरुरत पर कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं. वे यह भी बताने को राजी नहीं हैं कि उनके इस कदम को दोनों पार्टियों के हाईकमान की स्वीकृति हासिल है या नहीं.

लेकिन इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि इस नये “गठबंधन” के सदस्यों ने राज्यपाल से स्वायत्त जिला परिषद की कार्यकारी समिति (एक्सक्यूटिव कमिटी) का गठन करने का अनुरोध किया है. राजभवन द्वारा इस बारे में अभी निर्णय लिया जाना बाकी है.

दोनों पार्टियों की ओर से इस बारे में आधिकारिक रूप से न तो मिज़ोरम में और न दिल्ली में ही कुछ कहा गया है.

हालांकि, चुनाव परिणामों की घोषणा वाले दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीटर पर अपने बधाई संदेश में कहा, “भाजपा – एमएनफ ने 20 में से 13 सीटें जीत लीं.” और उन्होंने यह भी जोड़ा कि “यह जीत मिज़ोरम में भाजपा के उभार की शुरुआत है”.

इसके बाद उन्होंने अबतक इस नये घटनाक्रम पर कुछ नहीं कहा है.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिज़ोरम के खेल मंत्री और कांग्रेस नेता ज़ोदिन्त्लुअन्गा ने बताया कि दोनों पार्टियों के स्थानीय नेताओं के बीच एक सहमति बन जाने के बाद इस चुनाव उपरांत गठबंधन को अंजाम दिया गया.

उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का दिल्ली की राजनीति या आने वाले विधानसभा चुनावों पर कोई असर नहीं होगा.

भाजपा की राज्य इकाई का नेतृत्व कथित रूप से इस घटनाक्रम से खुश नहीं है.

द सिटिज़न द्वारा कई प्रयासों के बावजूद भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष जे वी ह्लुना से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी.

सूत्रों के मुताबिक, इन चुनावों में एमएनफ का सबसे बड़े दल के रूप में उभारना बेहद आश्चर्यजनक है.

चकमा स्वायत्त जिला परिषद मिज़ोरम के तीन स्वायत्त जिला परिषदों में से एक है. इसका गठन भारतीय संविधान के छठे अनुभाग के तहत 29 अप्रैल 1972 को किया गया था. इस स्वायत्त जिला परिषद के अधिकार – क्षेत्र में रहने वाले कुल 45,307 लोगों में से अधिकांश (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार) बौद्ध हैं, जबकि मिज़ोरम एक इसाई बहुल राज्य है.