कठुआ बलात्कार कांड के आरोपियों के पर्दाफाश में अहम भूमिका वाले सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील तालिब हुसैन इन दिनों पुलिस के कहर का सामना कर रहे हैं. श्री हुसैन के परिजनों एवं दोस्तों के मुताबिक पुलिस हिरासत में उनके साथ कथित रूप से की गयी मारपीट की वजह से उनकी खोपड़ी की हड्डी टूट गयी है.

इस साल जनवरी में बलात्कार के बाद मौत के घाट उतार दी गयी आठ साल की बच्ची के मामले को दबाने की कोशिश का पुरजोर विरोध करने और इस मामले में शुरू से न्याय के लिए लगातार अभियान चलाने वाले श्री हुसैन के साथ सोमवार को साम्बा जिले में पुलिस हवालात में कथित रूप से की गयी मारपीट में उनके सिर में गंभीर चोटें आयीं.

बच्ची के परिजनों को कानूनी सहायता देने वाली अधिवक्ता दीपिका सिंह राजावत ने बताया कि श्री हुसैन की चाची सोमवार को दोपहर बाद उनसे मिलने साम्बा पुलिस थाना गयी थीं. मुलाकात के बाद जब वो लौट रही थीं तो हवालात से आती हुई श्री हुसैन की चीख उनके कानों में पड़ी.

उन्होंने कहा, “चीख सुनकर जब उनकी चाची थाने में वापस लौटीं, तो उन्होंने दो लोगों को तालिब को बेरहमी से पीटते देखा. यह देखकर उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया. लेकिन तालिब को बचाने के बजाय थाने में मौजूद बाकी पुलिसकर्मियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी धुनाई जारी रखी.”

सुश्री राजावत ने आगे जोड़ा कि उनकी चाची ने बताया कि तालिब के सिर समेत बदन के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “उनके सिर में आघात लगा है, लेकिन बाकी सब सामान्य है. हमने इस बारे में संबंधित थाना – प्रभारी से रिपोर्ट मांगा है.”

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अपने एक ट्वीट में तालिब हुसैन को पुलिस हिरासत में यातना दिये जाने के बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, “ तालिब हुसैन, जिन्हें पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था, को पुलिस रिमांड के दौरान साम्बा पुलिस थाने में यातनाएं दी गयीं, उनका सिर फूटा, इलाज के लिए उन्हें साम्बा के एक अस्पताल ले जाया गया, कठुआ बलात्कार मामले में वो एक अहम गवाह हैं. एक लोकतंत्र में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.”

श्री हुसैन के अभियान की वजह से कठुआ की दिल दहला देने वाली घटना के आरोपियों की हुई गिरफ्तारी से बुरी तरह नाराज संदिग्ध हिन्दू दक्षिणपंथी समूहों से जुड़े लोगों ने इस साल अप्रैल में उनके साथ मारपीट की थी. एक महिला रिश्तेदार द्वारा उनपर बलात्कार का आरोप लगाये जाने के बाद पुलिस ने उन्हें पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था.

पुलिस ने उनकी पत्नी की शिकायत पर उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का भी एक मामला दर्ज किया था. लेकिन सबूतों के अभाव में अदालत ने पुलिस को इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया. उनके परिजनों और दोस्तों को आशंका है कि कठुआ कांड में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आवाज़ उठाने की वजह से उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है.

राजावत ने कहा, “वो कठुआ में एक मासूम बच्ची के साथ किये गये निर्मम बलात्कार और हत्या के मामले में विभिन्न समूहों द्वारा की जा रही क्षुद्र राजनीति का शिकार हुए हैं. उन्होंने उस मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए एक मुहिम की शुरुआत की और अब उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है.”