असम के सूतेया इलाके के चार लोग एक टेम्पो - वैन में सवार होकर जा रहे थे कि भोर के चार बजे दिप्लुन्गा चाय बागान के निकट गौ – रक्षकों की एक भीड़ ने उनपर हमला बोल दिया. भीड़ ने उन चारों की बुरी तरह पिटाई की जिससे एक की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी और बाकी तीन बुरी तरह घायल हो गये. भीड़ लगातार इस बात पर जोर दे रही थी कि वे चारों गाय चुराने वाले थे और उनका संबंध ऊपरी असम से था.

हमेशा की तरह इस घटना की ख़बर भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से सामने आई जिसमें चारों आदिवासी अपने जान की भीख मांगते दिखाई रहे थे. इस घटना के बाद पुलिस ने स्थानीय मीडिया को बताया कि वैन से “चुराई हुई” दो गाय बरामद की गयीं.

भीड़ ने उन चारों पर लाठी और डंडों से हमला किया और रहम की गुहार के बावजूद उन्हें बेरहमी से पीटती रही. घायलों में से एक ने स्थानीय टेलीविज़न चैनल को बताया, “हम बुधवार के अहले सुबह दिप्लुन्गा चाय बागान से सूअर खरीदने जा रहे थे जब डंडों और लोहे के सरियों से लैस एक भीड़ ने हमें रोका और गाय चोरी का आरोप लगाते हुए हमलोगों पर हमला कर दिया.”

हालांकि, पुलिस ने भीड़ का साथ दिया और इस बात पर जोर किया कि पीड़ितों ने गायों की चोरी की थी और उन्हें कहीं दूसरी जगह ले जा रहे थे. पुलिस ने यह भी जानकारी दी कि पीड़ितों के खिलाफ इस संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया गया है. मीडिया के एक हिस्से को एक अनाम अधिकारी ने बताया, “गाय चोरी का एक मामला दर्ज कर लिया गया है. हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि सभी पीड़ित सूअर खरीदने जा रहे थे. चूंकि वे अभी घायल हैं, इसलिए उनका बयान दर्ज किया जाना बाकी है.” पुलिस भले भी हमलावरों को तलाश करने का दावा कर रही हो, लेकिन हमला करने वाली भीड़ में शामिल एक भी व्यक्ति अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है.

सभी घायलों को बिस्वनाथ चरिअली शहर के एक निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां उनमें से एक देबेन राजबोंगशी की मौत हो गयी. बाकी तीन – फूलचंद साहू, बिजोय नायक और पूजेन राजबोंगशी – का इलाज चल रहा है. इन सभी के सिर, पैरों और बाहों में गंभीर चोटें आयीं हैं. ये सभी गरीब आदिवासी हैं और चाय बागानों में काम करते हैं.

दो महीने पहले, जून में, नीलोत्पल दास और अभिजीत नाथ नाम के दो युवकों को बच्चा – चोर होने का आरोप लगाकर भीड़ ने पीट – पीटकर मार डाला था. यह घटना कर्बी अब्लोंग में हुई थी. छात्र एवं अन्य लोग घटना के विरोध में सड़कों पर उतरे लेकिन लाठीचार्ज करके उनके प्रदर्शन को तितर – बितर कर दिया गया.

विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा की जा रही है.