जम्मू – कश्मीर सरकार द्वारा पंचायत चुनावों का कार्यक्रम घोषित किये जाने के महज दो दिन बाद ही बुरी तरह अशांत दक्षिण कश्मीर में अज्ञात लोगों ने बीती रात कम – से – कम तीन पंचायत भवनों को फूंक दिया.

आधिकारिक सूत्रों एवं स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलवामा एवं शोपियां जिले में बीती रात अज्ञात लोगों ने तीन पंचायत भवनों में आग लगा दिया. आम नागरिकों की हत्याओं के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों और बंद से अशांत इन इलाकों में इस घटना के बाद से घबराहट और भय का माहौल है. आगजनी की पहली घटना में, शोपियां जिले के नाज़नीनपोरा गांव में एक पंचायत घर को किसी ज्वलनशील तरल पदार्थ की सहायता से फूंक दिया गया. हालांकि सूत्रों ने बताया, “पुलिस एवं अग्निशमन की सहायता से आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया.”

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, “आग से भवन को आंशिक क्षति पहुंची. हमने इस संबंध में एक मामला दर्ज कर लिया है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच शुरू कर दी गयी है.”

दूसरी घटना में, पड़ोसी पुलवामा जिले में, त्राल इलाके के नाग्बल गांव में एक निर्माणाधीन पंचायत घर में आग लगा दी गयी. आग से इमारत को थोड़ी क्षति पहुंची.

अवंतिपोरा के पुलिस अधीक्षक जाहिद मालिक ने बताया, “अपराधियों ने इमारत को फूंकने का प्रयास किया, लेकिन गश्त लगा रहे सेना के जवानों की सतर्कता की वजह से उनके मंसूबे पूरे नहीं हो पाये.”

आगजनी की तीसरी घटना द्रबगाम नाम के गांव में हुई, जहां पंचायत घर को फूंकने का अज्ञात लोगों का इरादा कामयाब नहीं हुआ. सूत्रों ने बताया कि आग से इमारत को आंशिक क्षति पहुंची.

इससे पहले, सरकार द्वारा इस साल नवम्बर महीने में नौ – चरणों में पंचायत चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित किये जाने के महज एक दिन बाद ही रविवार को आगजनी की एक घटना में त्राल इलाके के सीर गांव में अज्ञात लोगों ने पंचायत घर को आग के हवाले कर दिया.

पुलिस सूत्रों ने बताया, “इस घटना में इमारत की दो खिड़कियां जल गयीं.”

पिछली बार, राज्य में पंचायत चुनाव दस साल के अंतराल के बाद 2011 में हुए थे. चुने गये पंचायतों का कार्यकाल जुलाई 2016 में समाप्त हुआ. लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन के बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में भड़के सरकार – विरोधी प्रदर्शनों की वजह से पंचायतों के चुनाव समय पर नहीं कराये जा सके.

रविवार की शाम को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में जम्मू – कश्मीर के मुख्य चुनाव आयुक्त शालीन काबरा ने कहा, “राज्य के 319 प्रखंडों में 4490 पंचायत हलकों के कुल 35096 पंच क्षेत्रों में 17 नवम्बर से लेकर 11 दिसम्बर के बीच नौ चरणों में चुनाव कराये जायेंगे.”

हिजबुल मुजाहिदीन ने नगर निगम एवं पंचायत चुनावों में भाग लेने के खिलाफ चेतावनी जारी की है. इस संगठन के कश्मीर प्रमुख रियाज़ नाइकू ने इन चुनावों में पर्चा दाखिल करने एवं वोट डालने वाले लोगों पर तेजाबी हमला करने की धमकी दी है.

सर्वोच्च न्यायालय में दायर विभिन्न याचिकाओं के मद्देनजर संविधान के अनुच्छेद 35 – A के तहत राज्य को प्राप्त विशेषाधिकारों को कमजोर किये जाने अथवा पूरी तरह से समाप्त किये जाने की आशंकाओं के बीच नेशनल कांफ्रेंस एवं पीडीपी समेत राज्य के क्षेत्रीय दलों ने नगर निगम के चुनावों का बहिष्कार करने का एलान किया है. हालांकि, पंचायत चुनावों को लेकर वे अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाये हैं.

हुर्रियत कांफ्रेंस ने भी लोगों से नगर निगम एवं पंचायत चुनावों से दूर रहने की अपील की है. हुर्रियत ने कहा कि “जम्मू – कश्मीर पर अपने अवैध कब्जे को सही ठहराने” के लिए नई दिल्ली चुनावों में लोगों की भागीदारी को “जनमत – संग्रह” के तौर पर भुनाती है.