कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार को एक युवा नागरिक की “निर्मम हत्या” के बाद शनिवार को घाटी में पूर्ण बंद रहा. हुर्रियत ने जुमे की नमाज़ के बाद इस हत्या के विरोध में बंद का आह्वान किया था.

प्रशासन ने तत्काल वरिष्ठ हुर्रियत नेता सईद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज़ उमर फारूक को उनके निवास से हिरासत में ले लिया. जबकि जेकेएलएफ के मुखिया को शनिवार की सुबह उनके घर से गिरफ्तार किया गया.

इन तीनों हुर्रियत नेताओं द्वारा 26 वर्षीय युवक सलीम मालिक की हत्या के विरोध में प्रदर्शन और बंद का आह्वान किये जाने के बाद प्रशासन को यह कदम उठाना पड़ा. सलीम को श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित उसके आवास के बरामदे में गोली मार दी गयी थी.

स्कूल बैग बनाकर और पशुपालन से गुजर – बसर करने वाले सलीम के परिवारवालों ने बताया कि वह अपने घर के बाहर बने एक अस्थायी तबेले में बंधे मवेशियों को देखने निकला था जब उसे गोली मारी गयी.

घटना के समय सरकारी सुरक्षा बलों ने कमरवारी इलाके में “घेराबंदी और तलाशी अभियान” चला रखा था. सलीम के बड़े भाई मेहराजउद्दीन ने बताया, “जैसे वह बाहर निकला, हमें गोलियों की आवाज़ सुनायी दी. डर की वजह से हम कुछ देर तक बाहर नहीं निकले. उसके बाद बरामदे में खून से लथपथ उसकी लाश हमें दिखाई दी.”

उन्होंने आगे कहा, “वह सिर्फ मेरा छोटा भाई ही नहीं, बल्कि एक दोस्त भी था. मेरे भाई ने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया था. वह एक खुशमिजाज इंसान था. एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या करने वाले अपराधी इस दुनिया में सड़ेंगे.”

इस घटना के बाद श्रीनगर के कई इलाकों में स्वतःस्फूर्त बंद हो गया. विरोध को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने शहर के बाहरी इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया. मोबाइल इंटरनेट सेवा को भी निलंबित कर दिया गया.

हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवा को बाद में बहाल कर दिया गया. लेकिन श्रीनगर में प्रतिबंध जारी रहे. प्रशासन ने नौहट्टा इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद, जहां मीरवाईज जुमे को उपदेश देते हैं, को बंद कर दिया.

हुर्रियत के हड़ताल के आह्वान के बाद, श्रीनगर में पूरा बंद रखा गया. घाटी के सबसे बड़े बाज़ार, लाल चौक में सभी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और शैक्षिक संस्थान बंद रहे. सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से गायब रहे.

अनंतनाग, बडगाम, कुलगाम समेत घाटी के अन्य इलाकों में भी बंद रहा, जहां प्रशासन ने किसी भी विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए अतिरिक्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया था.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ – साथ नेशनल कांफ्रेंस ने इस हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की है. हालांकि, राज्यपाल एस. पी. मालिक के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अबतक उनकी मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.