सुरक्षा बलों को खुली चुनौती देते हुए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन द्वारा लगभग दो दशकों के अंतराल के बाद कथित रूप से ‘कमांड काउंसिल’ की बैठक आगामी 21 नवम्बर को जम्मू – कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में करने की खबर है.

हिजबुल मुजाहिदीन के फील्ड कमांडर के नाम से जारी चिट्ठी में कहा गया है, “खुदा की मेहरबानी से हम भारत एवं उसके पिट्ठुओं को चुनौती देते हैं कि वे हमें रोक कर दिखायें. कमांड काउंसिल विभिन्न मसलों पर गौर करेगा और आगे की रणनीति तैयार करेगा. बैठक के सफलतापूर्वक समाप्त होने के बाद उसके मिनट्स के कुछ हिस्से सार्वजानिक किये जायेंगे.”

यह पहला मौका है जब इस आतंकवादी संगठन ने ऐसी बैठक के लिए तारीख की घोषणा पहले ही कर दी है. अतीत में इस किस्म की बैठक में इस संगठन के शीर्ष के सभी कमांडर और नीति निर्धारक हिस्सा लेते रहे हैं. संगठन द्वारा जारी चिट्ठी से सुरक्षा प्रतिष्ठान में खलबली है. इसी के मद्देनजर श्रीनगर में सुरक्षा के इंतजाम और अधिक कड़े कर दिए गये हैं.

हिजबुल मुजाहिदीन के फील्ड आपरेशन कमांडर मुहम्मद बिन कासिम के नाम से जारी इस चिट्ठी में कहा गया है, “इस साल होने वाली बैठक की अध्यक्षता शोपियां के हमारे वरिष्ठ सदस्य द्वारा की जायेगी.” यह चिट्ठी दो आम नागरिकों के मारे जाने के एक दिन बाद सामने आई है और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई है. मारे गये दो नागरिकों में से एक को हिजबुल के मुखिया रियाज नायकू द्वारा सुरक्षा बलों का “मुखबिर” करार दिया गया.

एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि अतीत में भी ऐसी बैठकें होती रही हैं,खासकर ग्रामीण इलाकों में. नाम न छपने की शर्त पर उक्त पुलिस अधिकारी ने कहा, “इस साल की बैठक रोचक व चुनौतीपूर्ण इस अर्थ में है कि 21 नवम्बर की रात ईद – ए -मिलाद (पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन) है. इस अवसर पर सारी रात चहल – पहल रहती है और इबादत के मुख्य स्थानों पर देर रात की प्रार्थनाएं आयोजित की जाती है.”

उन्होंने आगे जोड़ा, “इससे दहशतगर्दों की हताशा का पता चलता है. वे एक ऐसे समय में दहशतगर्दी का महिमामंडन करना चाहते हैं जब हिंसा के प्रति जन – समर्थन तेजी से घट रहा है और शीर्ष हिजबुल कमांडरों को मुठभेड़ों में मारा जा चुका है.”

हिजबुल मुजाहिदीन कश्मीर घाटी में सक्रिय सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन है. इसका मुखिया सैयद सलाहउद्दीन है, जो भारतीय सुरक्षा बलों से लड़ने वाले तकरीबन दो दर्जन दहशतगर्द संगठनों के एक समूह, यूनाइटेड जिहाद काउंसिल, का भी नेतृत्व कर रहा है.