आईएएस की परीक्षा में अव्वल रहे शाह फैसल, जिन्हें 2010 में चरम नागरिक अशांति के दौर में कश्मीरी युवाओं के सामने एक “आदर्श “ के रूप में पेश किया जाता था, ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति चाहा है. उनके उत्तरी कश्मीर क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ने की संभावना है.

इस आशय का खुलासा एनडीटीवी के एक पत्रकार द्वारा ट्विटर पर किया गया. उसके तत्काल बाद जम्मू – कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा री – ट्वीट में टिप्पणी करते हुए कहा गया, “नौकरशाही का नुकसान, राजनीति का लाभ. राजनीति की दुनिया में आपका स्वागत है @shahfaesal”.

ख़बरों के मुताबिक, श्री फैसल उत्तरी कश्मीर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. 2014 के आम चुनाव में इस सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मुज़फ्फर हुसैन बेग जीते थे.

अपने इस्तीफे के वक्त, श्री फैसल छुट्टी पर थे और हारवर्ड विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढाई कर रहे थे. ख़बरों में कहा गया, “उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति के लिए एक दिन पहले आवेदन दिया, लेकिन इस प्रक्रिया में समय लगता है क्योंकि इसके लिए गृह मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होती है.”

यह खुलासा कई महीनों के इस कयास के बाद आया है कि उत्तरी कश्मीर का यह युवा नौकरशाह नौकरी छोड़ने और राजनीति में शामिल होने पर विचार कर रहा है. श्री फैसल ने अपनी योजनाओं के बारे में खुद ही सोशल मीडिया पर पर्याप्त संकेत छोड़े थे.

श्री फैसल ने हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख लिखा था, जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर अपने पहले के रुख से अलग दृष्टिकोण रखते हुए घाटी में संकट को "गैर – बराबरी का युद्ध" करार दिया और भारतीय राज्य के खिलाफ आत्मघाती हमले की ओर कश्मीरियों को धकेलने के लिए नई दिल्ली को दोषी ठहराया”.

पिछले साल जुलाई में जम्मू – कश्मीर सरकार ने श्री फैसल के खिलाफ “रेपिस्तान” वाला ट्वीट करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की थी. उनका यह ट्वीट राज्य एवं केंद्र सरकार में बैठे कई लोगों को पसंद नहीं आया था. यह ट्वीट कठुआ में आठ साल की बच्ची के बलात्कार एवं उनकी हत्या के संदर्भ में किया गया था.

केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अनुरोध पर जम्मू – कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा श्री फैसल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के क्रम में जारी नोटिस में कहा गया, “आप अपने आधिकारिक कर्तव्य के निर्वहन में पूर्ण ईमानदारी और अखंडता बनाए रखने में कथित रूप से विफल रहे हैं और इस तरह आपने एक लोक सेवक के रूप में व्यवहार नहीं किया है.”

श्री फैसल के ट्वीट में अंग्रेजी में लिखा गया था, “ पापुलेशन (जनसंख्या) + पैट्रियार्की (पितृसत्ता) + इल्लीटरेशी (अशिक्षा) + अल्कोहल (शराब) + पोर्न (अश्लील साहित्य) + टेक्नोलॉजी (तकनीक) + अनार्की (अराजकता) = रेपिस्तान”. इस पोस्ट से कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को नाराजगी हुई थी. इसके बाद विभाग ने श्री फैसल को नोटिस जारी किया था. इस पर उन्होंने लिखा था :

“दक्षिण एशिया में बलात्कार – संस्कृति के खिलाफ मेरे व्यंग्यात्मक ट्वीट के लिए मेरे बॉस की ओर से प्रेम – पत्र. विडम्बना यह है कि लोकतांत्रिक भारत में अंतरात्मा की स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने के लिए औपनिवेशिक भावना वाला एक सेवा - नियम लागू किया जाता है.”