जम्मू – कश्मीर के डोडा जिले के भद्रवाह तहसील के एक गांव में देर रात अज्ञात लोगों द्वारा की गयी गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया.

भद्रवाह के किला मोहल्ला के निवासी नईम अहमद शाह (50), यासिर हुसैन एवं एक अन्य व्यक्ति के साथ बस्ती गांव गये थे. घटना के चश्मदीद गवाह यासिर हुसैन के अनुसार, गोलीबारी की घटना उस समय घटी जब वे अपने घोड़े के साथ बस्ती से वापस किला मोहल्ला लौट रहे थे. वे भद्रवाह में स्थानीय मीडिया वालों से बातचीत कर रहे थे. उनका दावा है कि गोलीबारी में वे बाल – बाल बच गये.

यासिर ने बताया, “तकरीबन आठ लोगों के एक समूह द्वारा हमें रोका गया. उनलोगों ने हमपर अपशब्दों की बौछार कर दी. वे गौरक्षक थे. इसके पहले कि हम कुछ समझ पाते, उनमें से एक ने नईम शाह पर गोली चला दी. नईम की मौत घटनास्थल पर ही हो गई.”

यासिर अपने दूसरे दोस्त के साथ जान बचाने के लिए भागे और कुछ दूर भागने के बाद उन्हें ध्यान आया कि नईम उनके साथ नहीं हैं. उन्होंने बताया, “हम दोनों वापस घटनास्थल की ओर लौटे, जोकि नाल्थी गांव के पुल के पास था. हम वहां नईम को मृत पाकर हतप्रभ रह गये.” उन्होंने बताया कि नईम को माथे में गोली मारी गयी थी.

गोलीबारी में घायल यासिर ने बताया कि नईम वहां खून से लथपथ पड़े थे. सूत्रों के मुताबिक, नईम के मृत शरीर को यासिर और उनके मित्र एक सुरक्षित स्थान पर ले गये और फिर उनके परिजनों को घटना के बारे में सूचित किया.

लोगों को इस घटना के बारे में पता लगते ही ऐतिहासिक सेरी बाज़ार, टकिया चौक और पसरी बस स्टैंड समेत भद्रवाह के विभिन्न इलाके में व्यापक विरोध प्रदर्शन भड़क उठा.

प्रदर्शनकारियों द्वारा कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं वाहनों पर पथराव किये जाने बाद प्रशासन को इंटरनेट सेवा बंद करने और कर्फ्यू लगाने पर मजबूर होना पड़ा.

संकट को भांपते हुए पुलिस तुरंत हरकत में आयी और नईम की हत्या के सात संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में ले लिया. एक आरोपी अभी भी फरार है.

द सिटिज़न को यह जानकारी मिली कि नईम की हत्या में “गौरक्षकों” द्वारा देशी बंदूक का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि पुलिस विभाग द्वारा अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गयी है.

सात संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिए की बात पता चलने के बाद मृतक के परिजन भद्रवाह पुलिस थाने पहुंचे.

उन लोगों ने थाने पहुंचकर आरोपियों को सौपे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. देखते ही देखते यह प्रदर्शन उग्र और हिंसक हो उठा. नाराज प्रदर्शनकारियों ने भद्रवाह पुलिस थाने पर हमला बोल दिया. जवाब में पुलिस ने भीड़ को तितर – बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे.

भद्रवाह शहर में शांति बहाली में पुलिस की मदद के लिए प्रशासन को सेना और अर्द्धसैनिक बलों को बुलाना पड़ा.

लोगों का आरोप है कि दो महीने पहले ठीक उसी स्थान पर, जहां नईम की हत्या हुई, एक ऐसी ही घटना हुई थी. स्थानीय लोगों के मुताबिक, किला मोहल्ला के फरीद अहमद नाम के एक व्यक्ति के साथ आठ लोगों के उसी समूह द्वारा मारपीट की गयी थी और तब पुलिस द्वारा कथित रूप से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी थी.

अंजुमन – ए – इस्लामिया, भद्रवाह के अध्यक्ष परवेज़ अहमद शेख ने इस घटना को “निर्मम” करार देते हुए सभी अभियुक्तों की जल्द से जल्द गिरफ़्तारी की मांग की.

रिपोर्ट लिखे जाने तक, भद्रवाह में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में थी.