सहारनपुर जेल में बंद भीम आर्मी के संस्थापक एडवोकेट चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा है कि वे आख़िरी सांस तक दलितों के हक़ के लिए लड़ते रहेंगे। वहीं भीम आर्मी ने कहा है कि योगी सरकार, चंद्रशेखर को जेल में ही ख़त्म करना चाहती है।

9 मई को सहारनपुर में हुई हिंसा के लिए आरोपी बनाए गए चंद्रशेखर को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए ज़मानत दे दी थी कि उन पर दर्ज सभी मुक़दमे राजनीति से प्रेरित लगते हैं। लेकिन इसके तुरंत बाद 3 नवंबर को सहारनपुर ज़िला प्रशासन ने जिला कारागार में जाकर राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (रासुका) तामील करा दिया। मतलब साफ़ है कि योगी सरकार किसी भी क़ीमत पर चंद्रशेखर को जेल से बाहर नहीं आने देना चाहती।

रासुका लगने के बाद चंद्रशेखर ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वे जीवन की अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे। यह प्रतिक्रिया उन्होंने चलचित्र अभियान के नकुल साहनी को दी जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलितों के आक्रोश और संघर्ष पर डाक्यूमेंट्री बना रहे हैं। देखिए वीडिओ—



उधर, चंद्रशेखर को लेकर सरकार के रुख़ से दलितों में ख़ासी नाराज़गी है। भीम आर्मी से जुड़े युवाओं का साफ़ कहना है कि योगी सरकार चंद्रशेखर को जेल में ही मार डालना चाहती है। उनका कहना है कि उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से धरना-प्रदर्शन भी नहीं करने दिया जा रहा है। वे जब भी कोई कार्यक्रम घोषित करते हैं, पुलिस नेताओं को एक दिन पहले ही उठा लेती है। देखिए और सुनिए कि भीम आर्मी के शामली ज़िला अध्यक्ष नीतू गौतम क्या कह रहे हैं–