देश के मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिहं ने डार्विन के वैज्ञानिक सिद्धांत को गलत बताने से पहले युवाओं से यह भी पूछ चुके हैं कि यदि लड़कियां जींस पहनकर शादी करने आती है तो कितने लड़के शादी करेंगे ?

मुबंई में पुलिस कमिश्नर रह चुके पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोकसभा क्षेत्र बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह ने चार्ल्स डार्विन के क्रमिक विकास के सिद्धांत को गलत माना है और इसे स्कूलों में पढ़ाने से रोकने की जरुरत पर बल दिया है। डार्विन के सिद्धांत को अभी तक वैज्ञानिक स्तर पर चुनौती नहीं दी गई है लेकिन पुलिस सेवा से निवृत होने के बाद शिक्षा ( मानव संसाधन ) मंत्री बनें सतपाल सिंह का कहना है कि जब पूर्वजों ने बंदर को आदमी के रुप में क्रमिक विकास होते नहीं देखा है तो डार्विन का सिद्धांत कैसे सही कहा जा सकता है। उन्होने अपने इस दावे का समर्थन करते हुए यह जानकारी दी है कि उन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में पीएचडी की है।

मंत्री सत्यपाल के चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत को गलत बताने वाले बयान की हजार से ज्यादा वैज्ञानिकों व विज्ञान के अध्येताओं ने आलोचना की है। उन वैज्ञानिकों ने कहा कि सत्यपाल सिंह के ऐसे बयान से शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी संभालने वाले पद की गरिमा को ठेस पहुंचती है।

राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह देश भर में इसी तरह के बयान देने वाले सासंदों , विधायकों और मंत्रियों के सूची में एक ऐसा नाम है जिन्होने 11 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में युवाओं से पूछा था कि क्या कोई लड़की जींस पहनकर शादी करने आएगी तो कितने लड़के उससे शादी करने के लिए तैयार होंगे। वे गोरखनाथ मंदिर के महंथ द्वारा स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे। गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी योगी आदित्य नाथ जो कि राज्य के मुख्य मंत्री भी है, शिक्षा परिषद के संयुक्त सचिव है।

मानव संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने योगी आदित्य नाथ का नाम लिये बगैर अपने भाषण में प्रश्न किया कि अगर कोई ये कहने लगे कि मैं जींस पहनकर किसी पीठ का या किसी मंदर का महंथ बन जाउंगा तो लोग पसंद करेंगें? मंत्री सत्यपाल सिंह ने स्वंय के सवाल का जवाब स्वंय दिया और कहा कि जींस पहने हुए पुजारी को कोई पसंद नहीं करेगा।