कार्यकर्ता कहते थे भ्रष्टाचार मिटाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे

बिहार के जमुई जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सिकंदरा प्रखंड के बिछवे पंचायत में एक आरटीआई कार्यकर्ता वाल्मीकि यादव एवं उनके सहयोगी धर्मेन्द्र यादव की हत्या कर दी गयी. इससे पहले 18 जून 2018 को पूर्वी चंपारण जिला में आरटीआई कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह की हत्या कर दी गयी थी |

वाल्मीकि यादव द्वारा दायर किये गए शिकायत पत्र एवं आर.टी.आई के अवलोकन और दोनों मृतकों के परिवार और गाँव वालों से बातचीत के आधार पर यह तस्वीर सामने आती है:-

वाल्मीकि यादव और धर्मेन्द्र यादव एक ही गाँव बिछवे के निवासी थे| हत्या के रोज़ वाल्मीकि यादव और धर्मेन्द्र यादव धान का बिचड़ा लाने सिकंदरा गये थे| बोरी लेकर लौटते वक़्त गाँव के नजदीक हमलावरों ने उनके मोटर साइकिल को रोका और लोहे की रड से वाल्मीकि यादव के सर पर हमला किया गया| दोनों को घसीटकर गाड़ी से नीचे उतार अलग-अलग पिस्तौल से गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी| परिवार वालों का कहना है कि हत्या की घटना पूर्व नियोजित थी| उनकी मोटर साइकिल को रोकने के लिए सड़क पर दो अस्थायी रोड ब्रेकर बनाये गये थे| हत्या के बाद ब्रेकर को हटा दिया गया है |

(Valmiki Yadav)

वाल्मीकि यादव पिछले कुछ महीनों से स्थानीय योजनाओं में चल रहे भ्रष्टाचार को आर.टी.आई के जरिये उजागर कर रहे थे| इनके सक्रिय पहल से गबन, अवैध निकासी, सरकारी कामों में अनियमितता, पंचायती राज के प्रतिनिधियों द्वारा भ्रष्टाचार समेत कई मामले प्रकाश में आया| और कुछ में कार्यवाई भी हुई| वाल्मीकि यादव अपने पंचायत में हो रहे गड़बड़ी की जाँच के लिए सम्बंधित विभाग को पत्र लिखा करते थे|

एक मामले में उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखकर बिछवे पंचायत में पंचम वित्त योजना के अंतर्गत किये गये कार्यों की जाँच की मांग की | जांच नही होने पर उन्होंने आर.टी.आई. का इस्तेमाल करते हुए अपनी शिकायत पर क्या कार्यवाई की गयी इस जानकारी की मांग की| जब उन्हें फिर भी जानकारी नही दी गयी तब उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी के पास प्रथम अपील किया| उसके बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा प्रभारी कृषि पदाधिकारी से जांच करायी गयी| जांच में यह यह बात आई की स्थानीय मुखिया और पंचायत सचिव द्वारा भ्रष्टाचार (सरकारी पैसे का दुरुपयोग) किया गया|

(Arti Yadav W.O Valmiki Yadav)

उन्होंने सुरेश महतो जो जद(यू) प्रखंड अध्यक्ष हैं, के खिलाफ पंचायत भवन के अतिक्रमण की शिकायत की थी |

वाल्मीकि यादव पंचायत के तमाम योजनों की करीब से निगरानी कर रहे थे और गड़बड़ी की आशंका पर अधिकारियों को लगातार पत्र लिख रहे थे, सूचना का अधिकार कानून का इस्तेमाल कर जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे थे |

हाल में उन्होंने वर्तमान मुखिया कृष्णदेव रविदास द्वारा आम गैरमजरुआ जमीन के अतिक्रमण को लेकर भी प्रखंड विकास पदाधिकारी से शिकायत की और शौचालय एवं मनारेगा योजना में हो रही धांधली के बारे में भी पत्राचार, आर.टी.आई एवं शिकायत की थी | वाल्मीकि यादव ने प्रखंड स्तर के अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखा| यह सब करते हुए वाल्मीकि यादव को स्थानीय जनप्रतिनिधियों और बिचौलियों द्वारा मारने की धमकी भी मिली, जिसकी शिकायत 24 मार्च 2018 को जमुई के आरक्षी अधीक्षक और जिलाधिकारी को पत्र लिखकर किया| इस पत्र में उन्होंने मुखिया कृष्णदेव दास और पंचायत सचिव के खिलाफ आरोप लगाया है कि वह उन्हें मारने की धमकी दे रहे हैं |

Renu devi W.O Dharmendra Yadav

हत्या का तात्कालिक कारण:

इस मामले में जांच के लिए एनसीपीआरआई और एनएपीएम के 4 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम 4 जुलाई को बिछवे पंचायत, जमुई गयी | टीम में आशीष रंजन, उज्जवल कुमार, ग़ालिब कलीम, श्री अशोक और अनिश कुमार शामिल थे | फैक्ट फाइंडिंग की टीम ने बारी-बारी से हत्या से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की ।

लोगों के अनुसार हत्या का तात्कालिक कारण वाल्मीकि यादव द्वारा आंगनबाड़ी सेविका रजनी कुमारी की अवैध नियुक्ति के मामले को उजागर करना था| उल्लेखनीय है की वाल्मीकि यादव द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ किये जा रहे कार्यों को गाँव की आम जनता का समर्थन प्राप्त था| लोक शिकायत के आवेदनों में दर्जनों हस्ताक्षर से भी यह बात प्रमाणित होता है| वाल्मीकि यादव न केवल भ्रष्टाचार की शिकायत करते थे और सूचना के अधिकार से उन्हें प्रकाश में लाते थे बल्कि अपने पंचायत के लिए सड़क, पानी, और विकास के कार्यों को लेकर प्रयास किया करते थे| सांसदों-विधायकों को भी समय-समय पत्र लिखकर उन्होंने पंचायत की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया|

राजेन्द्र सिंह की हत्या

19 जून को दिन दहाड़े पूर्वी चंपारण जिला के पिपरा कोठी थाना क्षेत्र के मठबनवारी चौक के नजदीक राजेन्द्र सिंह की हत्या कर दी गई।

बेटी लवली और ममता सिंह ने बताया कि उन्हें अपनी हत्या का अनुमान हो गया था। यह उनकी हत्या का चौथा प्रयास था। पूर्व में हुए हमले के मामले में आज तक किसी दोषियों को नहीं पकड़ा गया। उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक मोतिहारी ( पूर्वी चंपारण ) 09.10.17 पत्र लिख इसकी सूचना दी कि मेरी हत्या कभी भी हो सकती है। मगर पुलिस ने कभी मामले को गंभीरता से नही लिया। पत्नी ब्रज किशोरी देवी कह रही थीं कि जब हम लोग को लगने लगा कि राजेन्द्र सिंह जी पर जानलेवा हमला हो सकता है तब हम सभी परिवार के लोग उन्हें समझाते थे कि आप यह सब काम छोड़ दीजिए, लेकिन वे कहा कहते कि मैं भ्रष्टाचारियों की गोली से मरना पसंद करूँगा लेकिन उनसे हार नही मानूँगा अगर आपलोगों ने मुझे रोका तो मैं आत्महत्या कर लूँगा. जब तक जीऊंगा चोरों को सबक सिखाते रहूंगा और भ्रष्टाचार मिटाने की लड़ाई लड़ता रहूंगा।