पिछले सप्ताह के अंत में एक और जान ले ली गयी. कर्नाटक के बीदर जिले में 2,500 लोगों की एक भीड़ ने बच्चा – चोर होने के संदेह में हैदराबाद के एक इंजीनियर को पीट – पीटकर मार डाला और उसके तीन अन्य साथियों को बुरी तरह से घायल कर दिया. बीते कुछ सप्ताहों में देश के विभिन्न हिस्सों में व्हाट्स एप्प पर फैली अफवाह के आधार पर पीट – पीटकर मार डालने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है और ये घटनाएं दुनिया भर में सुर्ख़ियों में छायी रहीं हैं.

इस घटना में मारे गये 28 वर्षीय मोहम्मद आज़म हैदराबाद के गचिबोव्ली स्थित गूगल सेंटर में काम करते थे और सप्ताह के अंत में अपने दोस्तों और चचेरे भाई के साथ घूमने निकले थे. उनके साथ छुट्टियों में भारत घूमने आये क़तर मूल के उनके दोस्त सल्हम ईद अल कुबासी, मोहम्मद सलमान और उनके चचेरे भाई नूर मोहम्मद थे.

कार से घूमने जाते हुए वे एक कस्बे में रुके, जहां उन्होंने कुछ बच्चों को स्कूल से लौटते देखा. सल्हम, जो अक्सर अपने आसपास से गुजरने वाले बच्चों को भोजन और चाकलेट बांटा करते थे, ने उनमें से कुछ बच्चों को चाकलेट दिया. सल्हम और उनके दोस्तों को बच्चों के बीच चाकलेट बांटते देख कस्बे के कुछ लोगों को शंका हुई और उनलोगों ने सवाल करना शुरू कर दिया. खतरे को भांपते हुए वे वहां से बिना किसी टकराव के निकल लिए.

उनलोगों के वहां से निकल जाने के बाद उस कस्बे के निवासियों ने पड़ोस के मुरकी गांव के लोगों को उनके बारे में फोन से सूचित कर दिया. मुरकी पहुंचने पर, गांव वालों ने पीछा करके उनकी कार को रोक लिया और उन्हें बाहर निकाल कर लाठी और पत्थरों से पीटना शुरू दिया.

पहले वाले कस्बे के लोगों ने बच्चों के बीच चाकलेट बांटते आज़म और उनके दोस्तों का वीडियो बना लिया था और उसे इस संदेश के साथ मुरकी गांव के निवासियों को फारवर्ड किया कि “लाल कार में बैठे इन लोगों को भागने मत देना. ये बच्चा चुराने वाले लोग हैं.” उन चारों ने भीड़ को यह समझाने की कोशिश की कि वे बच्चा – चोर नहीं हैं और सिर्फ प्यार की वजह से उन्होंने बच्चों को चाकलेट दी थी, लेकिन भीड़ नहीं मानी और उनपर हमला कर दिया.

हमले में आजम की मौत मौके पर ही हो गयी और बाकी गंभीर रूप से घायल हो गये. बाद में घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस ने भीड़ को तितर – बितर किया.

आज़म के परिजनों को इस घटना के बारे में उस समय पता चला जब उसके चाचा ने रात में फोन कर उससे यह जानना चाहा कि वो अबतक लौटा क्यों नहीं.

तबसे आज़म का परिवार गहरे सदमे में है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए आज़म के चाचा मीर अंसार अली ने कहा कि “हर किसी को यह सोचना होगा कि आखिर लोगों को यह क्या हो गया है कि वे दूसरों की जान लेना चाहते हैं. वे क्या पढ़ रहे हैं? यह जंगल – राज बन चुका है. नौकरी व अन्य कामों के लिए घर से निकलते हुए लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं.”

भीड़ द्वारा बनाये गये वीडियो के सबूत के आधार पर पुलिस ने अबतक उस भीड़ में शामिल 25 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने तहकीकात के दौरान व्हाट्स एप्प पर संदेश भेजने वाले औराड तालुके के हांडीकेरा गांव के मनोज पाटिल नाम के किसान को खोज निकाला है. पुलिस का मानना है कि पाटिल, जो कई व्हाट्स एप्प ग्रुप चलाता है, के संदेश की वजह से हिंसा भड़की. कमलनगर सर्किल के सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर दिलीप सागर के मुताबिक, मुरकी और आसपास के गावों में पाटिल द्वारा व्हाट्स एप्प ग्रुप पर भेजे गये संदेश ने ही भीड़ को उकसाया.

मीडिया से बातचीत में इंस्पेक्टर सागर ने बताया, “ भीड़ खून की प्यासी थी और ये सब हमारे लिए भी डरावना और विचलित कर देने वाला था क्योंकि हमें भी जान का भय सता रहा था. मैंने भीड़ से उन्हें बक्श देने की गुजारिश की. मैंने उन्हें समझाया कि वे बच्चा – चोर नहीं हैं, पर भीड़ कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हुई. भीड़ पूरी तरह से उन्माद में थी और बस उनकी जान लेना चाहती थी. हमारी प्राथमिकता पीड़ितों को वहां से निकालकर अस्पताल पहुंचाने की थी, इसलिए हमने भीड़ को शांत करने की कोशिश की. हमें बाकी तीन लोगों को मरने से बचाने में कामयाबी मिली.”

मई और जुलाई, 2018 के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में पीट – पीटकर मार डालने की 14 अलग – अलग घटनाओं में कम – से – कम 20 लोग मारे जा चुके हैं. वर्ष 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पीट – पीटकर मार डालने की घटनाओं में 97 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. इनमें से 52 प्रतिशत घटनाएं अफवाहों पर आधारित थीं और अधिकांश भाजपा शासित राज्यों में घटित हुईं.

फीफा वर्ल्ड कप 2018 में फ्रांस की जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्वरित बधाई दी, लेकिन देश में पीट – पीटकर मार डालने की बढती घटनाओं पर उनका बयान अभी आना बाकी है. औराड से भाजपा विधायक प्रभु चौहान ने भीड़ का बचाव करते हुए यह दावा किया है कि आज़म की मौत पीट – पीटकर मार डालने की वजह से नहीं बल्कि दुर्घटना के कारण हुई है. इलाके का दौरा करने के दौरान उन्होंने कहा, “उस युवक को पीट – पीटकर नहीं मारा गया था, बल्कि उसकी मृत्यु कार पलटने से लगी चोट की वजह से हुई. हैदराबाद के वे चारों युवक बच्चा – चोर थे और मुझे इस बात का 100 प्रतिशत यकीन है.”

गिरफ्तारियों के बावजूद मुरकी गांव में तनाव जारी है. पीट – पीटकर मार डालने की घटना के बाद गिरफ्तारी के डर से फरार कई युवकों को पुलिस तलाश रही है.

इस घटना के बारे में कर्नाटक सरकार के आधिकारिक बयान का इंतजार है.