राजस्थान मे एक आम चर्चा है कि समय आने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी मे मौजूद कुछ नेताओं के खिलाफ उन्हीं की अक्षमताओं का हथियार बनाकर ऐसा उपयोग करते है कि मानो वो नेता आसमान से गिर कर खजूर पर अटक गये हो। आजकल राजस्थान के उदयपुर सम्भाग के नेता सीपी जोशी के साथ ऐसे ही हालात होता नजर आ रहा है।

व्यवहार के अक्खड़ व कान के कच्चे माने जाने वाले उदयपुर सम्भाग के कांग्रेस नेता सीपी जोशी जनता की अदालत मे मत पत्रों द्वारा विधानसभा व लोकसभा चुनाव मे ठुकराये जाने के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने उनको संगठन में राष्ट्रीय महसचिव बनाकर एक अहम जिम्मेदारी देकर उन्हें सियासत में बडी हाईट दी थी। लेकिन समय के साथ साथ उनके प्रभार वाले प्रदेशों मे जहां जहां चुनाव होते गये एवं वहां वहां कांग्रेस पेंदे मे बैठती गई । ऐसे ट्रेंड को देखकर हाईकमान ने उनसे एक एक करके प्रदेशों का प्रभार वापिस लेते हुये कमोबेश आज उनकी हालत बीना प्रभाव वाले उन निठल्ले महासचिव की बना दी है जिनको किसी भी समय महासचिव पद से हटाया जा सकता है।

राष्ट्रीय महासचिव सीपी जोशी को एक एक कर के संगठन पदो से मुक्ति दिलाने का सिलसिला अभी अंतिम पड़ाव पर चल ही रहा था कि अचानक यह खबर आई कि उन्हीं के क्षेत्र उदयपुर के पूर्व सांसद व गहलोत के खासमखास आदीवासी नेता रघूवीर मीणा को कांग्रेस की सुप्रीम कमेटी "केन्द्रीय वर्किंग कमेटी" में शामिल करके आगामी चार माह बाद होने वाले प्रदेश के आम विधानसभा चुनावों मे जोशी के बजाय मीणा का सिक्का अधिक मजबूती से चलने का साफ संकेत दे दिया है। लगता है कि धीरे धीरे सीपी जोशी कांग्रेस की सक्रिय राजनीति के बजाय राजस्थान क्रिकेट ऐसोसिएशन की राजनीति में ही उलझ कर ह जायेंगे और उनके हटने से रिक्त हुये स्थान को किसी ओर नेता से भर लिया जायेगा।

सीपी जोशी के अलावा मुश्किल से 1990 मे जनता दल के निशान पर राजस्थान से धोलपुर से एक बार विधायक बनने वाले कांग्रेस के दूसरे राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश के ऊपर भी मुम्बई महानगर पालिका चुनाव में टिकट बंटवारे मे गम्भीर आरोप लगने के बाद उनकी भी गत अब सीपी जोशी वाली हो रही है। उनसे एक एक करके प्रभार छीने जाने के साथ कुछ दिनों बाद संगठन से हटाये जाने वाले नेताओं में जोशी के साथ साथ मोहन प्रकाश का भी नाम तय बताते है।

कुल मिलाकर यह है कांग्रेस के ऊपरी स्तर पर हो रहे एक एक करके फैसलो पर जरा नजर डाले तो अब कांग्रेस आगामी चुनावों में खासतौर पर पिछड़ा वर्ग-एससीएसटी-आदिवासी व किसान वर्ग पर विशेष फोकस करना चाहती है। प्रदेश में भाजपा-कांग्रेस मे सीधा मुकाबला होने पर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि मुस्लिम को मजबूरी में कांग्रेस की तरफ आना है। पिछले कुछ दिनो में हाईकमान की तरफ से लिये फैसलो मे राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी की अध्यक्ष शैलजा दलित, संगठन महामंत्री अशोक गहलोत पिछड़ा वर्ग व सीडब्लूसी के सदस्य रघूवीर मीणा आदिवासी है। तो आगामी चंद दिनों में होने वाले अन्य सम्भावित अहम फैसलो में भी इन्हीं तरह के तबकों पर फोकस होता नजर आयेगा। जिसमें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रमुख भूमिका रहती नजर आ रही है।