बिहार के मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड पर चुप्पी तोड़ते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वे इस घटना पर शर्मिंदा हैं और इस मामले में पापी बचेंगे नहीं.

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की शुरुआत के मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह पाप कर्म है. इसकी सजा मिलनी ही चाहिए. पता नहीं आजकल किस तरह की मानसिकता वाले लोग हमारे समाज में हैं. कुछ लोगों का स्वभाव इतना विकृत होता है कि वह अनर्थ भी कर सकते हैं. समाज को सचेत और सजग रहना होगा. ऐसे लोगों को हम छोड़ेंगे नहीं. समाज सुधार के लिए सभी लोगों को एकजुट होना होगा.

बिहार के मुख्यमंत्री का कहना था कि इस घटना में सिस्टम की खामी है, हमें उसकी जांच करनी होगी. उन्होंने कहा कि हमें अपने सिस्टम को इतना मजबूत बनाना होगा कि जिससे इस प्रकार की घटना दोबारा ना हो पाए.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी तब टूटी जब 34 नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार, केंद्र सरकार और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.

इस घटना के उजागर होने के बाद से बिहार में राजनीतिक तूफान मचा हुआ है. इस मसले को लेकर बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और भूतपूर्व उप – मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को राजधानी दिल्ली के जंतर – मंतर पर धरने पर बैठे, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल समेत कई दलों के नेता एवं बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग शामिल हुए.

धरने को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की लंबी चुप्पी और उनकी ‘अंतरात्मा के देर से जागने” पर जोरदार तंज कसा. उन्होंने कहा, “हम दिल्ली इसलिए आये क्योंकि मेरे चाचा (नीतीश कुमार) की अंतरात्मा इन अपराधों पर अभी तक नहीं जागी है. वो कहते हैं कि बिहार में ‘कानून का राज’ है. लेकिन वहां ‘जंगल राज’ नहीं बल्कि ‘राक्षस राज’ चल रहा है.”

नीतीश कुमार द्वारा शुक्रवार को दिये गये बयान और इस मसले पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाते हुए पटना में बिहार बाल आवाज़ मंच के प्रांतीय संयोजक राजीव रंजन ने कहा, “अजब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर में मुजफ्फरपुर की घटना अपराध नहीं, ‘पाप’ है!”

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री जी ऐसा इसलिए कह पा रहे हैं क्योंकि वे “पाप” और “पुण्य” की भाषा बोलने वाले तत्वों के साथ हैं. अप्रैल में इस घटना के उजागर होने के बाद से लेकर पिछले शुक्रवार तक उनकी चुप्पी “बहुत कुछ” कहती है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने धरने को संबोधित करते हुए इस घटना को दबाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मामले की त्वरित जांच की मांग की.

इस घटना के प्रति नीतीश कुमार के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा – जद (यू) की सरकार के लचर रवैये के खिलाफ वाम – दलों ने 2 अगस्त को ‘बिहार बंद’ का आयोजन किया, जिसे राजद, कांग्रेस और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा समेत कई राजनीतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों का समर्थन हासिल था.

मुजफ्फरपुर के एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ बलात्कार का मामला सामने आने के बाद से बैकफुट पर आई नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार ने बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर और 9 अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बालिका गृह को पूरी तरह से सील कर दिया.

मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस्स) की ओर से अप्रैल में बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी जिसमें पहली बार उक्त बालिका गृह में रह रही लड़कियों से कथित दुष्कर्म की बात सामने आई थी. इस मामले में बीते 31 मई को ब्रजेश ठाकुर सहित 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. और अब इस मामले की जांच सीबीआई के हाथो में है.