केरल में बाढ़ की वजह से लोगों की स्थिति बदतर बनी हुई है। चारों तरफ से तबाही की तस्वीरें आ रही हैं। ग्राउंड से जो खबरें आ रही हैं वो दिल दहला देने वाली हैं। हालांकि शुरुआत में खुद को राष्ट्रीय मीडिया कहने वाले दिल्ली के चैनलों और अखबारों ने इस त्रासदी को बहुत कम जगह दी। करीब-करीब हफ्ते भर तक मीडिया ने खबर को इग्नोर जैसा ही किया या फिर औपचारिकता भर कवरेज दिया।

लेकिन सोशल मीडिया पर धीरे-धीरे लोगों ने बात करना शुरू कर दिया। पिछले दो दिनों से फेसबुक, ट्विटर जैसे तमाम सोशल मीडिया मंचों पर लोग केरल बाढ़ को लेकर बात कर रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग व्यक्तिगत रूप से चंदा भी दे रहे हैं और संवेदना जता रहे हैं।



लेकिन दूसरी तरफ एक बड़ी संख्या है जो एक खास विचारधारा और दल से संबंध रखते हैं। दक्षिणपंथी विचारधारा के ये लोग,ट्रोल और जाने-पहचाने सेलिब्रिटी तक सबके सब केरल के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं। पूरा ट्विटर ऐसे ट्रोल्स और नफरत भरे ट्विट से भरा पड़ा है। केरल के मुख्यमंत्री ने एक ट्विट करके लोगों से मुख्यमंत्री राहत कोष में चंदा देने की अपील की, तो उस ट्विट पर भी लोगों ने नफरत भरी बातें लिखनी शुरू कर दी। किसी ने केरल में बाढ़ की वजह बीफ खाने को बताया, तो किसी ने कहा कि ‘केरल के लोग गाय खाते हैं, ये यही डिजर्व करते हैं’। एक खास धर्म का झंडा लगाने वाले ये प्रोफाइल हैंडल लोगों से केरल को चंदा नही देने की अपील कर रहे हैं, क्योंकि वहां कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार है, क्योंकि इनके हिसाब से केरल के लोग गाय खाते हैं और ये प्राकृतिक आपदा बीफ खाने की वजह से आयी है।

बहुत सारे लोग केरल के इस दुख भरी घड़ी में उनका मजाक उड़ाने से भी नहीं चूक रहे हैं। ‘बीफ फेस्टिवल के लिए डोनेशन दे?’ ‘गौवध का पाप लगा है, इस का परिणाम है ये बाढ़। सड़क के बीच गौमाता को काटने वाले लोगों का यही हाल होना है।’ जैसे ट्विट किये जा रहे हैं।

अगर आप इन नफरत फैलाने वाले इन ट्विटर हैंडल को देखेंगे तो पायेंगे कि किसी के प्रोफाइल में राम का फोटो है, किसी ने एंग्री हनुमान का फोटो लगा रखा है तो किसी ने भगवा झंडा। इनमें से ज्यादातर लोग वे हैं जो कभी केरल को जीके की किताबों से आगे नहीं पढ़ा या समझा होगा, जिनके लिये केरल और तमिलनाडू के बीच कोई अंतर नहीं है। जिन्हें लगता है कि केरल भारत का हिस्सा नहीं है बल्कि कोई दूसरा कम्यूनिस्ट देश है।

दूसरी तरफ केन्द्र सरकार भी शुरुआत में केरल की त्रासदी पर लगभग चुप रही और जितना राज्य सरकार से मदद मांगी गयी थी उससे काफी कम दिया। जब आम लोगों ने इस बारे में लिखना शुरू किया तो फिर केन्द्र सरकार ने अपनी राहत राशि को बढाया लेकिन वो भी मांग और नुकसान को देखते हुए काफी कम था। इतना ही नहीं अभी तक केरल की इस त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा तकनीकी वजहों से घोषित न करके केन्द्र सरकार अपनी बेरुखी को ही जाहिर कर रही है।

इससे भी ज्यादा चौकाने वाली बात यह है कि दक्षिणपंथी लोग और इसमें मोहनदास पाई जैसे बड़े सेलिब्रिटी लोग भी शामिल हैं जो केरल में सिर्फ और सिर्फ हिन्दूओं को मदद देने की बात कर रहे हैं। अपने ट्विट्स में ये लोग केरल में मुसलमानों और क्रिश्चन के खिलाफ जहर उगल रहे हैं।

केरल से लोगों की जो तस्वीरें आ रही हैं, जिनमें वे पानी में फंसे हैं, या मदद की गुहार लगा रहे हैं उन तस्वीरों का, केरल के लोगों का, केरल के लोगों के जीवन जीने के तरीकों का मजाक उड़ाया जा रहा है। यह सब एक खास कट्टर धार्मिक विचारधारा वाले लोगों के द्वारा किया जा रहा है, यह सब हिन्दूत्व के नाम पर किया जा रहा है। इस घटना को अकेले में नहीं देखा जा सकता है, यही मजाक और नफरत वाली विचारधारा कहीं पर जाकर लोगों की भीड़ द्वारा हत्या करवा रही है, कहीं झूठे प्रचार कर रही है और अब अपने ही देश के लोगो के खिलाफ खड़ी हो गयी है।

दुख की बात है कि यही लोग सबसे ज्यादा राष्ट्रवाद की बात करते हैं, भारत की बात करते हैं लेकिन क्या सच में इन्हें भारत होने का मतलब भी पता है?

क्या भारत सिर्फ उत्तर भारत के सवर्ण संस्कृति को मानने वाले लोगों का है? क्या केरल भारत नहीं है?

उम्मीद करता हूँ एक खास विचारधारा वाले ट्रोल और लोग इस वक़्त अपनी नफरत की राजनीति छोड़ देंगे। हिन्दू-मुस्लिम करने की राजनीति और उसके फायदे उठाने के कई मौके आएंगे। लेकिन केरल के लोगों की मुसीबत में उनके साथ खड़े होने का, केरल के लोगों को देश उनके साथ खड़ा है बताने का यही मौका है। अगर ये नहीं कर सकते तो कम से कम उनका मजाक तो नहीं ही बनाना चाहिए।