चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय ने अपने एक आदेश में विभिन्न विभागों एवं केन्द्रों को कश्मीरी छात्रों का लेखा – जोखा तैयार करने को कहा है.

पंजाब विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालयी निर्देशों के डीन प्रोफेसर शंकरजी झा ने सभी विभागों को भेजे गये एक ई - मेल में कहा, “आपसे अनुरोध है कि आप अपने विभाग / केंद्र / संस्थान में दाखिला लेने वाले कश्मीरी छात्रों के बारे में नवीनतम जानकारी अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय को 11 अक्टूबर को अपराहन 4 बजे तक निश्चित रूप से प्रदान करें.”

उक्त ई - मेल में आगे कहा गया, “इसे अत्यंत आवश्यक / समयबद्ध समझा जाये.”

विश्वविद्यालय प्रशासन ने कश्मीरी छात्रों के नाम, उनके पिता का नाम, वर्ग, पता और फोन नंबर के बारे में जानकारी मांगी है.



विश्वविद्यालय ने यह कदम जालंधर स्थित सी. टी. इंस्टीच्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी से तीन कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी की खबर के बाद उठाया है. स्थानीय अधिकारियों का आरोप है कि उन तीनों छात्रों का “जुड़ाव” आतंकवादी संगठन अंसार घज्वत – उल – हिन्द (एजीएच) से था.

हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन के इस किस्म के आदेश का पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट्स काउंसिल (पीयूसीएससी) ने घोर विरोध किया है. द सिटिज़न के साथ बातचीत में पीयूसीएससी की अध्यक्ष कनु प्रिया ने कहा, “इस किस्म के विवरण किसी भी विभाग से पहले कभी नहीं मांगे गये. विश्वविद्यालय प्रशासन ने संदेह एवं सतत निगरानी का माहौल बना दिया है.”

उन्होंने आगे कहा कि जनसांख्यिकीय आकलन के बहाने ऐसी जानकारियां और विवरण मांगने से कश्मीरी छात्रों में हताशा बढ़ेगी और उनमें अलगाव की भावना पैदा होगी.

एक बयान जारी कर पीयूसीएससी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की है और उक्त आशय के आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है.