कानपुर में भाजपा की चुनावी रैली से नरेन्द्र मोदी को अवतार पुरुष के रूप में स्थापित करने के कोशिश शुरू हो गयी है . सोच समझ के व्यक्ति पूजा की शुरुआत की जा रही है. मोदी की उपासना हो, इसका प्रयास है.

इसी के अनुसार यह नारा दिया जाना शुरू हो गया है की ‘मोदी है तो मुमकिन है.’

कानपुर की यह जन सभा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी गयी थी . वर्ष २०१४ में कानपुर की जन सभा सफल होने के साथ ही शेयर बाज़ार में तेज़ी आ गयी थी . उसी के बाद उन्हें यह निश्चित हुआ था कि नरेन्द्र मोदी सत्ता में आ रहे हैं और देश का पून्जीपति वर्ग उनके समर्थन में है.उसके बाद से बाज़ार लगातार तेज़ ही चल रह है. इस बार स्थितियों में फर्क थी. बाज़ार पहले से ही निश्चित है कि पुलवामा के बाद मोदी बहुत अधिक मज़बूत हो गए हैं और वही जीतेंगे. इसलिए बाज़ार की चाल में इस बार कोई फरक नहीं आया . लेकिन मोदी के भविष्य के अच्छे होने के कारण बाज़ार में स्थायित्व आया हैं.

इस जन सभा में भाजपा की सांगठनिक क्षमता का प्रदर्शन हुआ. कानपूर देहात, फर्रुखाबाद, फतेहपुर इत्यादि आस पास के जिलों से भाजपा नेता लोगों को एकत्रित करके लाये थे. निरालानगर के रेल मैदान ,यद्यपि खचाखच नहीं भरा था, काफी स्थान खाली थे .बड़ी संख्या में लोग मैदान के बाहर ही रुक गए थे. जोश भाजपा के कार्यकर्ताओं में था . बाकी लोग ध्यान से सुन रहे थे. मोदी के बोलने की शुरुआत के साथ ही लोगों ने जाना शुरू कर दिया। ये लोग संभवत: लाये हुए लोग थे जिन्हें यह आदेश था कि मोदी के आने से पहले वापस नहीं जायंगे . इससे करीब एक चौथाई मैदान खाली हो गया . .

उत्तर प्रदेश के उप मुख्य न मंत्री ने अपने प्रारम्भिक संबोधन में मोदी को दुनिया का सबसे शक्तिशाली नेता बताया. योगी को भाजपा का दूसरा नेता बताया, ये भारत के भाग्य विधाता हैं.

पहले जो मुरली मनोझार जोशी मोदी के विरोधी रहे है और स्थानीय सांसद हैं, का स्वर बदला हुआ था .

जोशी ने भारत माता की जय के नारे लगाए, लेकिन बहुत कम लोगों ने उनका साथ दिया.

उसके बाद के उनके नारे इस प्रकार हैं: ‘फिर एक बार मोदी सरकार’; ‘बार बार मोदी सरकार’; जो काम मोदी ने किया दूसरा कोई नही कर सकता था ; महाशक्ति का उदय ; अदम्य कार्यं करने का साहस; देश पर आये संकट से बचाने के लिए और आज शुरू किये गए कार्यों को पूरा करने के लिए; मोदी सरकार का वापस आना ज़रूरी है.

योगी आदित्यनाथ बोले कि मोदी है तो ही मुमकिन है कि पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारा.

नरेंद्र् मोदी जब स्वयं बोलने आये तो कहा कि आज मैं खुद ही जयकारा करूंगा, भारत माता के जय का नारा लगाया और कहा की यह इतनी जोर से बोले कि सीमा पर बैठे जवान तक सुन सके. मोदी ने विभिन्न योजनाओं की शुरुआत करने के बाद विपक्ष पर एक खतरनाक हमला बोला. जिसमें उन्हें पकिस्तान की मदद करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि क्या ऐसे लोगों को माफ करना चाहिए ?

मैं मोदी तो आतंकवाद को ख़तम करना चाहता हूँ , लेकिन यह लोग कह रहे हैं मोदी को ख़तम करों .इत्यादि .आतंकवाद से लड़ाए लड़ने वाला मोदी इन्हें खटक रहा है.

मोदी का स्वर इस प्रकार का था कि किसी भी समय इस प्रकार के उकसावे के भाषण पर विपक्ष पर हमले हो सकते हैं . मौजूदा लोगों में काफी लोग ऐसे थे जो मोदी के भाषण की ध्वनी से सहमत होते दिखाई दिए.

भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि इससे कोई फरक नहीं पड़ता है कि हमारे प्रत्याशी कैसे हैं क्योंकि सारा चुनाव मोदी के नाम पर ही लड़ा जा रहा है. उसका कहना था कि एक समय में जब १९९३ में सपा बसपा गठबंधन हुआ था तब मुलायम सिंह यादव उसके नेता थे लेकिन आज नरेन्द्र मोदी पिछड़ों का नेता है . अहीर के अलावा सब उसके साथ हैं. अहीरों में भी कई ऐसे हैं जो भाजपा के साथ है. पाकिस्तान को तगड़ा जवाब देने के कारण देश वोटर उनके साथ है और इस समय वोटर देश की बात सोच रहा है न कि किसी जाति अथवा धर्मं इत्यादि और इसके अलावा ऊंची जाति के लिए आरक्षण की व्यवस्था उस समय नहीं थी . वोटर इस समय यह सोच रहा है कि दिल्ली के लिए मोदी ठीक हैं और प्रदेश का बाद में देखा जायगा.