दिल्ली से फतेहपुर तक रेलवे अंडरपास मे पानी जमने की समस्या दिल्ली में वारिश से लोगों को होने वाली मुश्किलें मीडिया में बड़ी बड़ी जगहें घेर लेती है। लेकिन पिछड़े इलाकों में हल्की वारिश से लोगों की मुसीबतों की शुरुआत हो जाती है।जितनी गरीबी उतनी और वैसी मुसीबतें। राजस्थान को रेगिस्तानी भूमि के रुप में देखा जाता है। लेकिन हल्की सी बरसात होने पर भी शेखावाटी जनपद के अनेक गांव व शहरो मे सरकारी उदासीनता के चलते बरसाती पानी जमा होने पर जनता का बूरा हाल हो जाता है। सरकारी योजनाओं का ठीक से काम व प्रबंधन नही होने के चलते यह हालत हर बरसात के मौसम मे हलकी सी बरसात होने पर ही जनता का जीवन दूभर बन जाता है।

शेखावाटी जनपद मे शुक्रवार को जरा जमकर हुई बरसात से सरकार के पहले से उपाय ना करने से जगह जगह बरसाती पानी जमा होने से एक दफा फिर जीवन ठहर सा गया। खास तौर पर शहर व गांवो को जोड़ने वाली रेल्वे अंडरपास मे बरसाती पानी जमा होने से बहुत हद तक परेशानी होना आम बात हो गई है। बरसात होने के बाद फतेहपुर शहर के मण्डावा रेलवे अंडर पास में भरे पानी में झुझनू व चुरू जिले के पुलिस भर्ती की परीक्षा देने जा रहे अभ्यर्थीयों की बस बीच अंडरपास मे फंस गई। बस मे 100 से ज्यादा युवक युवतियां सवार थे जिन्हें रस्सी व जेसीबी की सहायता से बाहर निकाला गया। लेकिन मलेशिया की गुफाओं में फंसे बच्चों की तरह इनकी दास्तां टेलीविजडन चैनलों पर नहीं दिखी। प्रशासन की अनदेखी के चलते 100 से ज्यादा अभ्यार्थीयों का भविष्य दांव पर लग गया। समय रहते यात्रियों को नहीं निकाला जाता तो सभी परीक्षा से वंचित रह सकते थे। प्रशासन इस समस्या से भली भांति रूबरू है ।उसके बाद भी पानी निकासी के लिए कोई विशेष इंतजाम बरसात पूर्व नहीं किये।


फतेहपुर के आस पास के 40 से ज्यादा गांवों का संपर्क पूरी तरह से मामूली बरसात होने से ही टूट जाना आम बात है। ना ही तो प्रशासन कोई वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करता है ओर ना ही पानी निकासी के लिए कोई प्रभावी इंतजाम किये जाते है। आज फतेहपुर के रेल्वे अंडरपास मे 1 घण्टें तक अभ्यार्थी फंसे रहने के बाद तहसीलदार सुशील सैनी मौके पर पहुचें ।बाद मे जेसीबी की सहायता से उन्हे निकाला जबकि कुछ अभ्यर्थीयों को समाज सेवी सूर्य प्रकाश शर्मा सहित मौहल्लेवाससियों ने रस्सी की सहायता से पहले निकाल लिया था। इस अंडरपास मे आये दिन ऐसे हादसे होते रहते है वही इस रास्तें के बंद होनें से अनेकों गांवों से सम्पर्क आपस मे टूट जाते है। वहीं फतेहपुर का यह रास्ता देहली बिकानेर का मुख्य रास्ता भी यही है। अक्सर इस तरह की समस्या को लेकर रेलवे व नगरपालिका एक दुसरे पर पल्ला झाड़ते रहते है।

कुल मिलाकर यह है कि रेल्वे लाईन के नीचे रास्ते को जोड़ने के लिये बनने वाले अंडरपास का एक रेल्वे का अपना पैमाना होता होगा। लेकिन इस तरह क्षेत्र मे बने करीब करीब सभी रेल्वे अंडरपासो मे बरसाती पानी जमा होने की बडी समस्या कायम होने से जरा सी बरसात होने पर गावं शहरो को आपस मे जोड़ने का रास्ता बंध होने से आम आदमी काफी मुश्किलातो का सामने करने को मजबूर होता है।


दरअसल फतेहपुर एक उदाहरण है जिससे ये जानकारी मिलती है कि सत्तर वर्षों के भारतीय शासन में भी पूरे देश में बरसात के लिए अभी सरकारी व्यवस्था सक्षम नहीं हो सकी है।सामाजिक ताना बाना असरदार साबित होता है।