राजस्थान के शेखावाटी जनपद के बिसाऊ कस्बे की मुस्लिम यूथ फेडरेशन ने समारोह आयोजित कर समाज के होनहार लोगों को सम्मानित करने की जो शुरूआत की उसका यह असर हुआ कि दूसरी संस्थाएं भी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में शानदार काम करने वाले या भविष्य में समाज के लिए उनके महत्व के संकेत पाकर प्रतिभाओं की खोज की और उन्हें सम्मानित कर उनके हौसले बुलंद करने की कोशिश में लगे हैं। किसी एक ही बिरादरी के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभाओं को निखारने की कोशिश में लगे लोग जब एक मंच पर जमा होकर अपने अनुभवों व ख्यालों को एक दूसरे के साथ बांटते हैं तो उससे पूरी बिरादरी को एक नई अर्जा मिलती है।

देश के स्तर पर यह चलन बढ़ा है जब समाज में अलग अलग जातियों व धर्मों से जुड़े लोगों के संगठन अपनी जाति और धार्मिक आस्थाओं की पहचान वाले लोगों की प्रतिभाओं को उत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं। शेखावटी में शिक्षा का प्रचार प्रसार बढ़ने से यह चलन बढ़ा है और एक के बाद एक संस्थाएं व संगठन नई पीढ़ी के हौसले बुलंद करने के लिए समारोह आयोजित कर रहे हैं।



इसी महीने सीकर में बीसायती बिरादरी का विशाल व शानदार मेनेज्ड प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। इसी सिलसिले में आगामी 16-सितम्बर को सीकर मे शेखावाटी रंगरेज फाऊंडेशन के तहत रंगरेज समाज का राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित करने की घोषणा की है। इसके अलावा झूंझनू में काजी समाज की तरफ से 12-सितम्बर को व अंसारी बिरादरी की तरफ से झूंझनू में ही 23-सितंबर का अपनी समाज की विभिन्न स्तर की प्रतिभाओ का समारोह पूर्वक सम्मान किया जा रहा है।

सीकर शहर में उदय सेवा संस्थान नामक तंजीम ने शेखावाटी जनपद के अलग अलग क्षेत्रों के तमाम माहिरीन का जनपद स्तर का एक विशाल प्रतिभा सम्मान समारोह सीकर की ऐक्सीलेंस नोलेज सीटी के विशाल प्रांगण मे आयोजित किया और समुदाय को एक नई राह दिखाई थी।



बिसाऊ की मुस्लिम यूथ फेडरेशन नामक संस्था स्थानीय स्तर का प्रतिभा सम्मान समारोह पिछले कुछ सालो से हर साल आयोजित करते आ रहे है।

मुस्लिम समुदाय की मेहनतकश बिरादरियों में शिक्षा को लेकर खासतौर पर सीकर के सर सैयद अहमद खां के तौर पर पहचान बनाने वाले वाहिद चोहान की बालिका शिक्षा के प्रति पिछले तीस साल से प्रतिबद्धता से प्रभावित होकर अब शिक्षा के प्रति लगाव व जागृति परवान चढने लगी है। शेखावाटी की कामकाजी व व्यापारिक जैहन वाली मनीयार, लीलगर-रंगरेज, छींपा, बीसायती, अंसारी, मंसूरी, लूहार, चेजरा, काजी, हवारीयान-धोबी, कूरेशी-पिनारा, मेवाफरोस-सब्जीफरोस, आदि अनेक बिरादरियो में शैक्षणिक स्तर तेजी के साथ बढ़ा है और इससे समाज की एक बदलती तस्वीर आकार लेती दिखाई दे रही है।