पूर्वोत्तर भारत में, फुटबाल एक खेल से कहीं बढ़कर है. यह एक जीवनशैली है. पिछले कुछ हफ्तों में दो प्रमुख मैचों के दौरान पूर्वोत्तर में प्रशंसकों ने इस खेल का जश्न मनाने के कई सकारात्मक तरीके खोजे हैं.

आइजोल में, चेल्सी फुटबाल क्लब के कट्टर प्रशंसकों के एक समूह ने कुछ दिनों पहले अजरबैजान के बाकू में यूईएफए यूरोपा लीग कप में चेल्सी की जीत को यादगार बनाने की मंशा से 1 जून को एक रक्तदान अभियान का आयोजन किया.

जब कभी भी चेल्सी किसी भी बड़े कप को जीतती है, तो मिजो चेल्सी सपोर्टर क्लब (एमसीएससी) के ये युवा समर्थक एकजुट होकर जन कल्याण के लिए कुछ करते हैं. यह समूह 2011 में बनाया गया था और तब से यह चेल्सी की जीत का जश्न मनाता आ रहा है.

एमसीएससी के मानद सचिव जोनाथन लालरेमुराता ने द सिटिजन को बताया, "हमारे लिए रक्तदान अभियान का यह कार्यक्रम एक शानदार क्षण है. हम खुश हैं कि चेल्सी जीत गई है और हम इस तरह से जीत का जश्न मना रहे हैं. हम यह आशा करते हैं कि चेल्सी आगे भी कई और जीत हासिल करेगी. ”

इस समूह का आदर्श वाक्य “चेल्सी के नाम पर परोपकार” है. पिछले साल दिसंबर में, एमसीएससी सदस्यों ने थूटक नुनपिटु नाम के राज्य के सबसे बड़ा अनाथालय के लिए कुल 1,04,095 रुपये और 10 बोरी चावल, दो बोरी सब्जी और 50 बोरी कपड़े इकट्ठे किये थे. इंग्लैंड के अंतर्राष्ट्रीय फुटबाल खिलाड़ी और चेल्सी के मिडफील्डर रॉस बार्कले ने कल्याण के इस किस्म के कार्य के लिए हौसलाअफजाई का एक वीडियो संदेश भेजा था.

जोनाथन ने कहा, "हम इस बात के लिए आभारी हैं कि रक्तदान अभियान के इस कार्यक्रम के लिए चेल्सी क्लब ने हमारी मदद की. उन्होंने इसके बारे में अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट लिखा. चेल्सी के मुख्य प्रायोजक योकोहामा ने भी हमें इस कार्यक्रम के लिए सहयोग प्रदान किया. पिछले साल, चेल्सी पत्रिका द्वारा भी हमारी गतिविधियों को कवर किया गया था.”

जीजे लालपेखलुआ, लल्लिंज़ुआला छंगटे और डैनियल लालहालिम्पुआ जैसे भारत के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस समूह के सदस्य हैं.

जोनाथन ने कहा, “इस कार्य में ये खिलाड़ी भी हमें समर्थन दे रहे हैं. लल्लिंज़ुआला ने पहले ही अपनी भारत की जर्सी दान में दे दी है. इससे हमें प्रचार पाने में वास्तव में मदद मिली. ”

कुल मिलाकर, 93 प्रशंसकों ने इस अभियान में हिस्सा लेते हुए अपना रक्त दान किया.

वर्तमान में, फुटबाल प्रशंसकों का यह क्लब आधिकारिक तौर पर चेल्सी एफसी के साथ पंजीकृत है और इसे 'गोल्ड' श्रेणी प्राप्त है.

पिछले साल नवंबर में जब फुटबाल के महान खिलाड़ियों में से एक और चेल्सी के दिग्गज डिडिएर ड्रोग्बा दिल्ली आये थे, तो इस क्लब ने मिज़ो प्रशंसकों को उनसे मिलवाने में मदद की थी.

जोनाथन ने बताया, “उस महान खिलाड़ी से मिलना, एक सपने के सच होने जैसा था. मैंने उन्हें एक पारंपरिक टोपी, एक पारंपरिक झोला और हमारे क्लब की जर्सी भेंट की थी. यह निश्चित रूप से मेरे और हमारे क्लब के अन्य सदस्यों के लिए एक यादगार पल था.”

मिजोरम देश के उन राज्यों में से एक है जहां फुटबाल एक धर्म की तरह है. देश की सबसे पुरानी प्रतियोगिता, आई-लीग में खेलने वाली आइज़ॉल एफसी एकमात्र ऐसी टीम है जिसने 2017 में अपने पहले प्रयास में ही इस लीग का खिताब जीता था.

जोनाथन ने कहा, "मुझे लगता है कि इस कहानी का एक तथ्य यह है कि मिज़ोरम भारत में फुटबाल के खेल का पावरहाउस है. आईएसएल और आई लीग में अधिकांश तौर पर मिजो खिलाड़ियों का दबदबा है. तमाम भारतीय राज्यों के मुकाबले मिजोरम में फुटबाल के प्रति दीवानगी है.”