कट्टर अलगावादी नेता आसिया अंद्राबी के खिलाफ दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए एक कश्मीरी पत्रकार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेश होना पड़ा.

श्रीनगर स्थित अंग्रेजी दैनिक कश्मीर आब्जर्वर के लिए काम करने वाले औकिब जावेद कल नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्हें दुख्तरान – ए – मिल्लत की मुखिया के खिलाफ दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था.

सैय्यद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत से जुड़ी महिला संगठन की मुखिया को उनके दो सहयोगियों के साथ जम्मू – कश्मीर के भारत से अलग होने और भारत के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करने का समर्थन करने के आरोप में एनआईए द्वारा पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था.

एनआईए के प्रवक्ता आलोक मित्तल ने कहा, “वे (अलगाववादी) भारत के खिलाफ हिंसा का इस्तेमाल करने और जम्मू – कश्मीर के भारत से अलग होने का समर्थन करने वाले विद्रोही तेवर के आरोपों और घृणा भरे भाषणों के प्रसार के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों का उपयोग कर रहे हैं. आसिया और उनकी सहयोगियों ने भारत सरकार के खिलाफ असंतोष भड़काने और धर्म के आधार पर विभिन्न समुदाय के बीच शत्रुता, घृणा और दुर्भावना को बढ़ावा देने वाले लेखन, वक्तव्यों और दृश्यों को प्रसारित किया है.”

गिरफ्तारी के बाद एक कोर्ट ने आसिया को 10 दिनों के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया. हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर से हुर्रियत नेता बने और 1993 से जेल में बंद कासिम फक्टू की पत्नी, आसिया ने 1987 में दुख्तरान – ए – मिल्लत की स्थापना की थी जिसे गृह मंत्रालय ने एक अवैध संगठन घोषित किया हुआ है.

आसिया अंद्राबी की गिरफ्तारी के बाद एनआईए ने स्थानीय पुलिस के माध्यम से औकिब जावेद को सम्मन जारी किया था. इसके बाद जावेद कल नई दिल्ली पहुंचे और कथित रूप से आसिया के साथ किये गये एक साक्षात्कार के संबंध में एनआईए के अधिकारियों के सामने पेश हुए.

अपने फेसबुक पोस्ट में जावेद ने लिखा, “तीन घंटे की पूछताछ के बाद पूरा हुआ जांच का पहला दौर. कल फिर से पेश होना है. दुआ कीजिए!”

जावेद कश्मीर घाटी के दूसरे ऐसे पत्रकार हैं जिन्हें एनआईए द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया. एनआईए तथाकथित रूप से आतंकी संगठनों को धन मुहैया कराये जाने के मामले की भी जांच कर रहा है जिसमें वरिष्ठ एवं मध्यम दर्जे के लगभग आधा दर्जन अलगाववादी नेता गिरफ्तार किये जा चुके हैं. इस मामले में भी आसिया को एक आरोपी के तौर पर नामजद किया गया है.

इससे पहले, जांच एजेंसी ने ‘टेरर फंडिंग’ के आरोप में फोटो – पत्रकार कामरान युसूफ को गिरफ्तार किया था, जिन्हें कई महीनों तक तिहाड़ जेल में बंद रहना पड़ा था. इस मामले में दायर आरोप – पत्र में युसूफ का किस भी आतंकी संगठन के साथ किसी तरह का संबंध साबित करने में एनआईए असफल रही. लिहाज़ा अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा और युसूफ को जमानत देनी पड़ी.