'मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान राज्य के उप – मुख्यमंत्री प्रेस्टन त्यनसोंग एवं मेघालय डेमोक्रेटिक अलायन्स (एमडीए) के घटक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था.

श्री संगमा ने कहा कि इस विधेयक का विरोध करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को एकजुट होना चाहिए.

उन्होंने गृहमंत्री के सामने स्पष्ट किया कि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), भाजपा, हिल स्टेट पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), एनसीपी एवं निर्दलीय समेत गठबंधन के सभी छह सहयोगी दलों का यही मानना है कि इस विधेयक से मेघालय और समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामाजिक ताने – बाने में खलल पड़ेगा और कानून – व्यवस्था की समस्या उठ खड़ी होगी.

श्री संगमा ने कहा, “नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर क्षेत्र को व्यापक रूप से प्रभावित करेगा. यह विधेयक पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों के भावनाओं के खिलाफ है. इसके गंभीर परिणाम होंगे और इस क्षेत्र में कानून – व्यवस्था की गंभीर समस्या पैदा होगी.”

मेघालय के पर्यटन मंत्री मेटबह लिंगदोह ने कहा, “इस विधेयक ने मेघालय के जनजातीय लोगों और खासकर अल्पसंख्यक समुदायों की भावनाओं को चोट पहुंचाया है और केन्द्रीय नेतृत्व को इस विधेयक के बारे में फिर से विचार करना चाहिए.”

शहरी मामलों के मंत्री हैमलेट दोह्लिंग ने कहा, “लोकसभा में पारित हुए इस विधेयक को लेकर मेघालय के लोगों में व्यापक असंतोष है. मैं केंद्र से इस विधेयक के बारे में फिर से विचार करने का अनुरोध करता हूं क्योंकि इससे कई गंभीर समस्याएं खड़ी होंगी और यह हमारे लोगों की पहचान को प्रभावित करेगा.”

स्वास्थ्य मंत्री ए. एल. हेक ने कहा, “मेघालय का प्रत्येक व्यक्ति इस विधेयक के खिलाफ है. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस निर्णय पर फिर से विचार करें और मेघालय तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के हित में इसका हल निकालें.”

एनसीपी के विधायक सलेंग ए. संगमा ने कहा, “यह विधेयक मेघालय के लोगों की पहचान को समाप्त कर देगा और राज्य में विभिन्न सामाजिक समस्याओं को जन्म देगा.”

इस बैठक में लोक निर्माण मंत्री कोम्मिन्गों यम्बों, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री समलीन मलंगीयंग, राज्य योजना बोर्ड के अध्यक्ष लम्बोर मलंगीयंग, रेनेक्टों लिंगदोह, एस. जी. मोमिनीन और सरकार के मुख्य सचेतक मर्कुइस मारक भी मौजूद थे.

मिज़ोरम के अपने समकक्ष जोरामथंगा के साथ मेघालय के मुख्यमंत्री श्री संगमा ने केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को विधेयक के प्रति पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की चिंताओं एवं असंतोष के बारे में विस्तार से अवगत कराया.

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री संगमा ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को इस मसले पर एकजुट होकर अपनी चिंताओं को स्वर देना चाहिए और समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र के कल्याण के लिए केन्द्रीय नेतृत्व से मांग करनी चाहिए.

नागरिकता संशोधन विधेयक का समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापक आलोचना और विरोध हो रहा है. वहां विभिन्न राजनीतिक दलों, छात्र संगठनों द्वारा इसके विरोध में लगातार हड़ताल और विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं. खासकर असम में, इस विधेयक के विरोध में असम गण परिषद ने इस मुद्दे पर एनडीए और भाजपा से नाता तोड़ लिया है. इन सबके बावजूद केंद्र सरकार के रवैये में कोई अंतर नहीं आया है.